रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां रक्षा प्रौद्योगिकी एवं परीक्षण केंद्र और ब्रह्मोस विनिर्माण केन्द्र का शिलान्यास किया। लखनऊ में अब ब्रह्मोस मिसाइल के नेक्स्ट जनरेशन का निर्माण किया जाएगा। दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाली ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण के संबंध में भारत और रूस के बीच समझौता है। इस मौके पर डीआरडीओ की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह केंद्र सुरक्षा के मामले में देश को आगे ले जाएगा, साथ ही रक्षा उत्पादों में अग्रणी भी बनाएगा। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी इससे मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब भी हमने ऐसी परियोजनाओं को शुरू करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया तो उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी हो सकेगी जमीन उपलब्ध कराएंगे। डेढ़ महीने के अंदर इतनी भूमि उपलब्ध करा देने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद एवं शुभकामनाएं।
उन्होंने कहा कि हम मिसाइल इसलिए नहीं बना रहे हैं कि दुनिया के किसी देश पर हमला करना है। भारत का इतिहास रहा है कि हमने किसी पर आक्रमण नहीं किया है। न ही किसी देश की एक इंच जमीन पर कब्जा किया। हम अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ब्रह्मोस बनाने जा रहे हैं। अगर हमारी तरफ कोई बुरी नजर उठाकर देखेगा तो मजबूती से जवाब देंगे। रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि हमने अपने पड़ोसी मुल्क को पहले चेताया। वह नहीं सुधरा तो सर्जिकल स्ट्राइक किया। भारत अपनी सीमाओं में ही नहीं बल्कि दुश्मन देशों के घर में भी घुसकर सबक सिखाने की ताकत रखता है।
राजनाथ सिंह ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी जी माफिया के प्रति कोई छूट नहीं देते। कभी यहां बुल्डोजर तो कभी कहीं बुल्डोजर चलाते हैं। आज के उत्तर प्रदेश में अपराधियों की बल्ले-बल्ले नहीं है। बुल्डोजर वालों की बल्ले-बल्ले है। हिन्दुस्तान की पहली सरकार विकास के साथ ही अपनी विरासत को भी संरक्षित करने का काम कर रही है। नरेन्द्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करने का कार्य किया था। बाबा विश्वनाथ मंदिर का जीणोद्धार प्रधानमंत्री ने किया। उसमें मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का विशेष सहयोग है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि तमाम रोक के बावजूद 1998 में अटल जी के नेतृत्व में देश ने पोखरण परीक्षण किया था। उस परीक्षण के बाद दुनिया के तमाम देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए। अटल जी ने उनकी परवाह नहीं की। उन्होंने भारत को उस वक्त नई पहचान दी थी। आज प्रधानमंत्री मोदी तेजी से भारत को आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र में 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद परिस्थितियां बदली हैं। हम दुनिया के बाहरी देशों से रक्षा के उपकरण बनाने के लिए सामान मंगवाते थे। अपने जवानों के लिए दुनिया से हथियार मंगवाते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने फैसला किया कि भारत रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में निर्यातक बने। हम दूसरे देशों से हथियार न मंगवाएं बल्कि हम दूसरे देशों को हथियार उपलब्ध कराएं। आज हम दूसरे देशों को तमाम रक्षा उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने दुनिया को संदेश दिया है। पहले मेक इन इंडिया पर जोर दिया। फिर मेक फॉर इंडिया और अब मेक फॉर वर्ल्ड पर काम कर रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति कुछ दिनों पूर्व भारत के दौरे पर आए थे। ब्रह्मोस मिसाइल बनने जा रही है। राजनाथ ने यह भी बताया कि ब्रह्मोस नाम कैसे पड़ा। भारत की नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नामों का थोड़ा-थोड़ा अंश लेकर ब्रह्मोस नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने रक्षा कारिडोर की घोषणा के वक्त कहा था कि धीरे-धीरे निवेश के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। आज 1400 करोड़ रुपये निवेश आ चुका है। इससे रोजगार भी मिलेगा। तमाम उपकरण बनेंगे, उसका परीक्षण लखनऊ की इसी लैब में होगा।
अपने चिरपरिचित अंदाज में भारत माता के जयकारे के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपना भाषण शुरू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में आज का यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री स्वयं ब्रह्मोस की नेक्स्ट जेनरेशन के निर्माण के लिए अपनी कर्मभूमि लखनऊ पधारे हैं। योगी ने कहा कि भारत दुनिया की मानवता एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम देश की सुरक्षा को खतरे में डाल देंगे। हम अपनी सीमाओं और देश के नागरिकों की सुरक्षा में सक्षम हैं। नया भारत छेड़ता नहीं है और अगर कोई छेड़ता है तो छोड़ता भी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के क्रम में भी बड़ा कदम है। अब लखनऊ यही नहीं कहा करेगा कि मुस्कराइए कि आप लखनऊ में हैं। अब लखनऊ दुश्मन देशों के लिए दहाड़ा भी करेगा। ब्रह्मोस मिसाइल का प्रोडक्शन यहां से होगा। कोरोना कालखंड में रक्षा उत्पादों को लेकर जो एमओयू हुए थे, रक्षा मंत्री ने इसे आगे बढ़ाया है। ब्रह्मोस मिसाइल बनने के साथ ही तमाम अनुसंधान होंगे। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसी भी स्तर पर पीछे नहीं रहेगी। हर संभव मदद के लिए सरकार निरंतर तैयार रहेगी।
सूतक काल में प्रधानमंत्री को धार्मिक अनुष्ठान कराने के मामले की जांच शुरू
इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री कोशल किशोर, योगी सरकार के मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह, स्वाति सिंह, विधायक सुरेश तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के साथ ही सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।