तिरंगा यात्रा के दौरान आपस में भिड़े भाजपाई, अखिलेश ने कहा- ‘तिरंगा यात्रा’ को न बनाएं ‘दंगा यात्रा’

‘तिरंगा यात्रा’ निकालने के दौरान उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में भाजपा युवा मोर्चा के कुछ कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इस दौरान भाजपा युवा मोर्चा के दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। मारपीट का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बता दें कि इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल हुए थे। हालांकि, उनके आने से पहले मामला शांत हो गया। वहीं, अब इस वायरल वीडियो को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए भाजपा सरकार को घेरा है। अखिलेश ने कहा, ”तिरंगा यात्रा’ को न बनाएं ‘दंगा यात्रा’।’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपाइयों द्वारा मारपीट का वीडियो अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। अखिलेश ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भाजपाइयों से अनुरोध है ‘तिरंगा यात्रा’ को ‘दंगा यात्रा’ न बनाएं।’ इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने एक वीडियो और ट्वीट किया है। जिसमें कुछ लोग तिरंग के बदले रुपए लेते हुए नजर आ रहे है। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए अखिलेश ने पूछा, ‘भाजपा के कार्यालय तिरंगो की दुकान बन गये हैं… भाजपा बताए झंडों पर कितना जीएसटी देना पड़ेगा?’

भाजपाइयों के बीच हुई यह मारपीट का मामला कानपुर जिले के मोतीझील इलाके का है। ऐसा बताया जा रहा है कि यात्रा के दौरान दो कार्यकर्ताओं के वाहन टकरा गए। इसके बाद विवाद शुरू हो गया। देखते ही देखते इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए और जमकर लात-घूसे चले। जिससे वहां भगदड़ मच गई। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनमें भाजपा कार्यकर्ता उत्पात मचाते दिख रहे हैं। हालांकि वरिष्ठ नेताओं ने बीचबचाव करते हुए स्थिति को नियंत्रण में किया।

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भाजपा कानपुर इकाई के प्रमुख सुनील बजाज ने कहा कि यह बच्चों के बीच एक छोटी सी लड़ाई थी। दरअसल उनकी बाइक टकरा गई थीं, इसलिए ऐसा हुआ। बता दें कि मोतीझील से भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की ओर से बाइक तिरंगा यात्रा निकाली गई। जिसमें डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल हुए थे। इस रैली की खास बात ये रही कि अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा के ही पदाधिकारी नियम तोड़ते दिखे। बाइक रैली के दौरान कोई भी भाजपा पदाधिकारी या कार्यकर्ता हेलमेट नहीं लगाए था। और तो और हर बाइक पर तीन-तीन युवक सवार थे और पुलिस उन्हें मूकदर्शक बनी देखती रही।