मुजफ्फरनगर में एक सपा नेता द्वारा पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव का पुतला फूंकने की खबर सामने आई है। बता दें कि सीएम योगी के साथ रामगोपाल यादव की मुलाकात पर सपा के पूर्व नगर मीडिया प्रभारी सुजात राणा ने अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके चलते राणा ने महावीर चौक पर राम गोपाल यादव का पुतला फूंका।
आरोप में कहा गया है कि रामगोपाल यादव जब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले तो उस दौरान उन्होंने पत्र देकर सिर्फ यादवों के उत्पीड़न की बात कही। सुजात राणा का आरोप है कि पत्र में पूर्व मंत्री आजम खां और विधायक नाहिद हसन तक का जिक्र नहीं किया गया था। जबकि ये दोनों भी प्रदेश की योगी सरकार में उत्पीड़न का शिकार हुए हैं।
राणा ने कहा कि सपा को अपने नेताओं के उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन करने के लिए जाना जाता है। लेकिन रामगोपाल यादव ने ऐसा नहीं किया और पार्टी की परंपरा को तोड़ा है। इन्हीं सब बातों के विरोध में सुजात राणा ने राम गोपाल यादव का पुतला फूंका। इस दौरान राणा ने रामगोपाल यादव के खिलाफ नारेबाजी भी की। हालांकि उन्होंने अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाए।
वहीं शांति व्यवस्था बरकरार रखने के लिए ड्यूटी पर मौजूद यातायात पुलिस कर्मियों ने राणा के हाथ से पुतला छीन लिया और आग बुझाने का प्रयास किया। सपा नेता कहा कि क्या सिर्फ यादवों का ही उत्पीड़न हो रहा है? पार्टी के सैकड़ों नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का खुला उत्पीड़न होने के बाद भी राम गोपाल ने सीएम से इस बारे में जिक्र नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि रामगोपाल यादव को सिर्फ यादव नजर आते हैं, जो पार्टी को अब वोट भी नहीं देते।
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बता दें कि सुजात राणा इससे पहले भी पार्टी नेताओं के खिलाफ अपने बागी तेवर अपनाते रहे हैं। इसी साल जनवरी में सुजात राणा ने मुजफ्फरनगर में सपा महानगर अध्यक्ष अलीम सिद्दीकी को चूड़ियां भेंट की थीं। इसको लेकर हंगामा खूब हुआ था। हालांकि उस दौरान जिलाध्यक्ष ने डांट फटकार कर मामला शांत किया था। इससे पहले सुजात राणा को जिलाध्यक्ष पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए निष्कासित कर दिया गया था।