कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि गरीबों को राशन देने के बदले तिरंगे के नाम जबरन वसूली की जा रही है। सरकार ने राहुल के बयान को खारिज करते हुए इस बात को गलत ठहराया कि उसके निर्देश पर राशन कार्ड धारकों को झंडा लेने को मजबूर किया जा रहा है। प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो ने अपने पीआइबीफैक्टचेक हैंडल के जरिये ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार ने इस बारे में कोई निर्देश नहीं जारी किया है। इस मामले में गड़बड़ी करने वाली राशन की एक दुकान को निलंबित कर दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कहा कि तिंरगा हमारा गौरव है और यह सभी भारतीयों के दिलों में रहता है। लेकिन राष्ट्रवाद को कभी बेचा नहीं जा सकता। जो गरीब राशन लेने जा रहे हैं उन्हें 20 रुपये देकर तिरंगा लेने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आजादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न गरीबों पर बोझ बन जाए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तिरंगे के साथ-साथ हमारे देश के गरीबों के आत्मसम्मान पर भी प्रहार कर रही है। उन्होंने जो वीडियो साझा किया उसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। उधर भाजपा सांसद और राहुल के चचेरे भाई वरुण गांधी ने भी आरोप लगाया है कि राशन उपभोक्ताओं को जबरन तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है।
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बता दें, आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर मोदी सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान का ऐलान किया है। इसके तहत 20 करोड़ से अधिक घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को मजबूत करने और लोगों के बीच राष्ट्रभक्ति का भाव पैदा करने के लिए तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं।
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