उत्तर प्रदेश में अब सभी तरह के हड़ताल पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करन पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति या संस्था की होगी। राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) जारी कर दिया है। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्गत किया जा चुका है।

इस आदेश के जारी होते ही हड़ताल पर प्रतिबंध लग गया है, जो 25 नवंबर से 25 मई तक जारी रहेगा। यह अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो उसे अवैध और दण्डनीय माना जाता है। हड़ताल की वजह से लोगों को मिलने वाली आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की संभावना होती है। जबकि एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिए लागू किया जाता है।
यह भी पढ़ें: मौलाना कल्बे सादिक के जनाजे में उमड़ा हुजूम, महंत देव्यागिरी ने दी श्रद्धांजलि
इतने महीने की सजा का प्रावधान
इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद अथवा 250 रुपए जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता हैं। एस्मा लागू होने के बाद हड़ताल करने वाले लोगों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है। यदि कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो यह अवैध एवं दंडनीय माना जाता है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine