उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर चुनावी प्रचार लगातार जारी है। इन सब के बीच कुछ दिन पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर फायरिंग हुई थी। इस मुद्दे को संसद में ओवैसी और उनकी पार्टी की ओर से बढ़-चढ़कर उठाया गया था। इसी को लेकर आज गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपना जवाब दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। रूट के बारे में जानकारी नहीं थी। इसके साथ ही गृह मंत्री ने ओवैसी से तत्काल सुरक्षा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि ओवैसी पहले भी सुरक्षा लेने से मना कर चुके हैं।
अमित शाह ने बताया कि इस मामले में फिलहाल 2 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और पूछताछ की जा रही है। शाह ने कहा कि त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनके पास से दो अनधिकृत पिस्तौल और एक ऑल्टो कार बरामद की गई। फोरेंसिक टीम कार और घटना स्थल की सूक्ष्म जांच कर रही है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी ने तेलंगाना और दिल्ली पुलिस की सुरक्षा लेने से भी मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि ओवैसी का हापुड़ जिले में कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, उनके आवागमन की कोई सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को पहले नहीं भेजी गई थी। घटना के बाद वह सकुशल दिल्ली पहुंच गए। लेकिन उसके वाहन के निचले हिस्से पर गोली के 3 निशान थे। इस घटना को तीन गवाहों ने देखा। एफआईआर दर्ज की गई है।
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इससे पहले केंद्र सरकार ने प्रमुख मुस्लिम नेता एवं हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कमांडो द्वारा ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया। ओवैसी ने ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा देने की सरकार की पेशकश शुक्रवार को ठुकरा दी थी। ओवैसी ने आरोप लगाया था कि चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से दिल्ली लौटते समय अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि वह सुरक्षित हैं। ओवैसी की कार राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के हापुड़-गाजियाबाद खंड पर छिजारसी टोल प्लाजा के करीब थी तभी शाम करीब छह बजे यह घटना हुई।