बुंदेलखंड,विंध्‍य के बाद पूर्वांचल में हर घर नल योजना ने पकड़ी रफ्तार

भगवान विश्‍वनाथ की नगरी काशी के गांव पेयजल से बम बम होने जा रहे हैं। काशी के ग्रामीण इलाकों में योगी सरकार घर घर पेयजल आपूर्ति शुरू करने की तैयारी में है। हर घर नल योजना के तहत सरकार वाराणसी को ग्रामीण जलापूर्ति के आदर्श माडल के तौर पर पेश करने जा रही है। आजादी के बाद पहली बार ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति की यह व्‍यवस्‍था भी बहुत खास होगी। जलापूर्ति व्‍यवस्‍था पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित होगी। वाटर सप्‍लाइ के लिए सेंसर आधारित आटोमेटिक सिस्‍टम का इस्‍तेमाल किया जाएगा। उत्‍तर भारत में ग्रामीण इलाकों में इतने बड़े स्‍तर पर पहली बार इस तरह की तकनीक और ऊर्जा की बचत के साथ जलापूर्ति की जाएगी। इस परियोजना में गांवों में नल से शुद्ध जल पहुंचाने में बिजली का उपयोग न के बराबर होगा । साथ ही पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सेंसर लगाए जा रहे हैं ताकि टंकी भरने के बाद पानी की सप्लाई खुद ही बंद हो जाय और पानी की बर्बादी न हो।

प्रमुख सचिव नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्‍तव ने बताया कि पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्‍य क्षेत्र में काफी तेजी से काम किया जा रहा है। चंद रोज में हम इन इलाकों में पानी सप्‍लाई शुरू करने की स्थिति में होंगे। दूसरे चरण में प्रदेश के 66 जिलों में हर घर नल योजना का काम शुरू कर दिया गया है। वाराणसी में काफी तेज गति से काम चल रहा है। कई इलाकों  में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है। सरकार के स्‍तर से निरंतर योजना की प्रगति की निगरानी की जा रही है।

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प्रदेश सरकार की हर घर नल योजना वाराणसी के उन ग्रामीण इलाकों के लिए खास तौर से वरदान साबित होने जा रही है जहां पानी के लिए मशक्‍कत करनी पड़ती थी। योजना की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 69 गांवों के 20248 घरों तक पाइप लाइनों को बिछाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। बहुत जल्द इन परिवारों को नल से शुद्ध पेयजल भी मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं 2022 तक 1296 गांवों के 348505 परिवारों तक नल से शुद्ध जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

इतना ही नहीं, वाराणसी के 125 गांवों में पूर्व से निर्मित योजनाएं रेट्रोफिटिंग के माध्यम से चालू कर दी गई हैं। इसके जरिये 22079 घरों को शुद्ध पेजयल पहुंचाया जा रहा है।