विजय दिवस को पीएम मोदी ने बताया भारत की ऐतिहासिक जीत, तो बौखला उठा बांग्लादेश

ढाका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विजय दिवस के मौके पर सोशल मीडिया पर किया गया पोस्ट बांग्लादेश को नागवार गुजरा है। बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के मंत्रियों सहित राजनेताओं ने पीएम मोदी के इस पोस्ट पर नाराजगी जताई है। पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में विजय दिवस को 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत बताया।

पीएम मोदी ने बीते सोमवार को किया था पोस्ट

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किया कि आज विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे देश की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया। यह दिन उनकी असाधारण वीरता और उनकी अडिग भावना को श्रद्धांजलि है। उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा।

विजय दिवस दिसंबर 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किए जाने की याद में मनाया जाता है। यद्यपि बांग्लादेश अपना स्वतंत्रता दिवस 26 मार्च को मनाता है, लेकिन नौ महीने तक चले मुक्ति संग्राम के बाद महत्वपूर्ण भारतीय सहायता से ढाका 16 दिसंबर को एक स्वतंत्र देश की राजधानी के रूप में उभरा।

बांग्लादेशी राजनेताओं ने पीएम मोदी के विजय दिवस पोस्ट का विरोध किया

हालांकि, मुहम्मद यूनुस के विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने विजय दिवस पर पीएम मोदी की पोस्ट का विरोध किया और कहा कि भारत इस जीत में सहयोगी था, इससे ज्यादा कुछ नहीं। मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूं। 16 दिसंबर, 1971 बांग्लादेश की जीत का दिन था। भारत इस जीत में सहयोगी था, इससे ज्यादा कुछ नहीं।

नजरुल के अलावा, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेता हसनत अब्दुल्ला ने भी पीएम मोदी की सोशल मीडिया पोस्ट का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम है। यह युद्ध पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था। लेकिन मोदी ने दावा किया है कि यह पूरी तरह से भारत का युद्ध और उपलब्धि थी। ऐसा करके, उन्होंने बांग्लादेश के अस्तित्व को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।

फिलहाल, विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी राजनेताओं द्वारा दर्ज कराए गए विरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

भारत-बांग्लादेश संबंध

भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान पर जीत का जश्न मनाते हैं और हर साल दोनों देश एक-दूसरे के युद्ध दिग्गजों और सेवारत अधिकारियों को दोनों देशों में होने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस साल भी, बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम के कम से कम आठ भारतीय सैन्य दिग्गज ढाका पहुँच चुके हैं, जबकि बांग्लादेश सेना के आठ युद्ध दिग्गज दोनों देशों में विजय दिवस समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुँचे हैं।

यह भी पढ़ें: फिलिस्तीन के बाद प्रियंका गांधी ने दिखाया नया बैग, मचा नया सियासी हंगामा

विजय दिवस समारोह और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा, 5 अगस्त को छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर तनाव के बीच हो रही है। हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं और उन्होंने भारत में शरण ली है।