नई दिल्ली। उत्तराखंड में स्थित चारों धाम में से एक बद्रीनाथ के कपाट हर साल सर्दियों के लिए बंद कर दिए जाते हैं क्योंकि वहां बर्फबारी होती है और वहां जाना मुश्किल हो जाता है। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट सर्दियों के लिए इस साल 19 नवंबर को बंद हो जाएंगे और इसके साथ ही वार्षिक चारधाम यात्रा पूरी हो जाएगी।
विजयादशमी के मौके पर मंदिर के अधिकारियों की उपस्थिति में धर्माधिकारी ने इसके लिए शुभ घड़ी तय की। तारीख की घोषणा बाद में की गयी। जानकारी के मुताबिक हिमालय में स्थित इस मंदिर के कपाट 19 नवंबर को शाम में सात बजकर 30 मिनट पर बंद होंगे।
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हर साल अक्टूबर या नवम्बर में हो जाते कपाट बंद
बद्रीनाथ अथवा बद्रीनारायण मन्दिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण सातवीं-नौंवीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं। मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है। भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊंचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है। जाड़ों की ऋतु में हिमालयी क्षेत्र की रूक्ष मौसमी दशाओं के कारण मन्दिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है। यह भारत के कुछ सबसे व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है।