पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में एक राहत भरी खबर मिली है। दरअसल, जाधव को मिली मौत की सजा की समीक्षा के लिए पाकिस्तानी संसद में पेश किये गए बिल को मंजूरी मिल गई है। इस बिल को यह मंजूरी न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करते दी गई है।
कुलभूषण जाधव के बचाव में हाईकोर्ट ने बनाए थे वकील
आपको बता दें कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कुलभूषण जाधव के लिए बचाव पक्ष में बनाए गए वकीलों आबिद हसन मिंटो और मखदूम अली खान ने कोर्ट में जाधव के पक्ष में मुकदमा लड़ने से मना कर दिया था।
आबिद हसन मिंटो ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि वे रिटायर को चुके हैं, जबकि मखदूम अली खान ने कुछ जरूरी काम होने का बहाना बनाया। इस वजह से भारत ने अपने देश के वासी के बचाव में आगे आते हुए पाकिस्तान से निष्पक्ष सुनवाई के लिए क्वींस काउंसल या बाहर के वकील की मांग की थी।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि भारत लगातार बाहरी वकील की मांग कर रहा है। यह अवास्तविक है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय चलन के मुताबिक हमारी अदालतों में उन वकीलों को ही पेश होने और पैरवी करने की अनुमति है, जिनके पास यहां प्रैक्टिस का लाइसेंस है।
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आपको बता दें कि कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट जाने का फैसला किया था। भारत ने हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा था। भारत ने जाधव की मौत की सजा को रद्द करने की अपील की और कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी।