सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने को लेकर दाचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया वहीं दूसरी तरफ एमसीडी को भी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी से कहा- हम आपके काम में दखल नहीं दे रहे लेकिन आप ये कार्रवाई कानून के हिसाब से क्यों नहीं करते हैं? आप उन्हें पहले नोटिस क्यों नहीं देते हैं? हम आपको आगाह कर रहे हैं कि बिना नोटिस किसी इमारत को ना गिराएं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में एमसीडी को अतिक्रमण को हटाने से रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस याचिका को हाई कोर्ट के पास लेकर जाएं।
CPI(M) ने क्यों डाली याचिका?
यही नहीं, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल पूछा था कि इलाके के लोगों और दुकानदारों जिनपर इस अतिक्रमण का असर पड़ रहा है उनकी जगह राजनीतिक पार्टी क्यों सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल रही है? कोर्ट ने पूछा था- CPI(M) ये याचिका क्यों दायर कर रही है? जिसपर इस कार्रवाई का असर पड़ रहा है वो यहां आता तो भी हम समझ सकते थे। इस मामले में एक पार्टी के कौन से मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है? क्या कोई ऐसा शख्स नहीं है जिसपर इस कार्रवाई से असर पड़ रहा हो?
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कानून का उल्लंघन करेंगे तो हॉकर्स को हटाया जाएगा
इसपर याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील पी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि हॉकर्स यूनियन भी इस याचिका में वादी हैं। इसपर कोर्ट ने कहा कि पटरी-फेरी लगाने वाले अगर कानून का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें हटाया जाएगा। कोर्ट ने आगे कहा कि रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोग सड़कों पर सामान बेचते हैं। जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के दौरान हमें इसलिए दखल देना पड़ा क्योंकि वहां बिल्डिंग गिराई जा रही थी।