पंजाब में धान की खरीद आज से शुरू हो जाएगी। पहले धान की खरीद 11 अक्टूबर से की जानी थी, परन्तु हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री के साथ इस बारे में की बैठकों के बाद खरीद 3 अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय किया गया।

धान की खरीद के लिए अक्टूबर 2021 के अंत तक 35,712.73 करोड़ रुपए की नकद ऋण सीमा (सीसीएल) की स्वीकृति मिली है और रबी सीजन से सम्बन्धित फूड क्रेडिट खाते की नकद निकासी की समय सीमा जुलाई 2022 के अंत तक बढ़ा दी गई है।
भारत सरकार ने खरीफ मंडीकरण सीजन 2021-22 के लिए ए ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। राज्य की चार खरीद एजेंसियों पनग्रेन, मार्कफैड, पनसप, पीएसडब्ल्यूसी समेत एफसीआई की तरफ से भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जायेगी।
पंजाब मंडी बोर्ड की तरफ से अधिसूचित किये गए 1806 खरीद केंद्र सरकारी खरीद एजेंसियों आवंटित किये गए हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने और मंडियों में भीड़ होने से बचाने के लिए धान की खरीद के लिए लगभग 800 चावल मिलों /सार्वजनिक स्थानों को अस्थाई खरीद केंद्र के तौर पर स्थापित किया जा रहा है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की मंजूरी के बाद खरीफ मंडीकरण सीजन 2021 -22 के लिए खरीद नीति जारी की गई है। पंजाब सरकार का दावा है कि धान खरीद के सभी प्रबंध कर लिये गए हैं और मंडियों में तीन लाख टन धान की आमद हो चुकी है। राज्य की मंडियों में 191 लाख मीट्रिक टन धान आने के उम्मीद है और केंद्र सरकार ने इसमें से 171 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का निर्णय किया हुआ है।
इस दौरान पंजाब में अन्य राज्यों से धान का प्रवेश रोकने के लिए बड़े स्तर पर प्रबंध किये गए हैं। सभी अंतरराज्यीय मार्गों पर पुलिस द्वारा नाके लगाए गए हैं और सभी वाहनों की जाँच की जा रही है। सरकार की इस सख्ती को देखते हुए कालाबाजारियों ने पंजाब में पहले ही धान को मंगवाया था, जिस पर छापेमारी का सिलसिला जारी है। तीन दिन पहले ही विभाग की टीम ने कपूरथला में छापेमारी करके 12000 बोरी चावल बरामद किया जो अन्य राज्यों से मंगवाए गए थे।
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