एक तरफ जहां देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर चिंता और डर का माहौल बना हुआ है। वहीं उत्तर प्रदेश के सहारानपुर में डेंगू और बुखार की दस्तक ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है। राज्य में अचानक डेंगू के मरीज़ों की संख्या बढ़ने से प्रशासन परेशान है। अगर ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर आ जाए तो प्रशासन का हालातों को संभालना काफी मुश्किल हो जाएगा। सहारनपुर जिले में पिछले कुछ दिनों में डेंगू और बुखार के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के मुताबिक जिले में अभी तक डेंगू के करीब 25 मरीज मिल चुके है और इनमें सबसे ज्यादा 15 मरीज शहर से सटे टपरी कलां गांव के है। लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के कई इलाके इस वक्त, डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार की चपेट में हैं। उसके बाद से मेडिकल स्टोर पर पेरासिटामोल और एंटीबायोटिक मेडिसिन की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। इन दवाओं को लेने के लिए मेडिकल स्टोर्स पर भीड़ देखी जा सकती है। सामान्य दिनों से ज्यादा मांग की की वजह से सप्लाई की कमी भी सामने आई है। मांग को देखते हुए प्रशासन इन दवाओं की ज्यादा सप्लाई की कोशिश कर रहा है।
बता दें कि जिला अस्पताल और राजकीय मेडिकल के अलावा निजी चिकित्सकों के यहां भी हर दि काफी संख्या में ऐसे मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है। जिनमें डेंगू और वायरल फीवर की शिकायतें हैं। जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम प्रशासन बचाव कार्य में लग गया है। स्वास्थ्य विभाग ने जहां जिला अस्पताल में 50 बैड और राजकीय मेडिकल कालेज में 140 बैड की अतिरिक्त व्यवस्था की है। वहीं नगर निगम डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रभावी स्तर पर एंटीलार्वा और मेलाथियान का छिडकाव व फाँगिंग करा रहा है।
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इसके साथ ही लोगों को अपने घरों और आसपास साफ सफाई रखने और जलभराव नहीं होने देने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। वहीं कानपुर की बिठूर विधानसभा के कुरसौली गांव विचित्र बुखार से अब तक दर्जनों ग्रामीणों की मौतों से गांव में दहशत का माहौल है। सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण घरों में ताला डाल गांव छोड़कर पलायन कर चुके है।विचित्र बुखार से ग्रामीणों में दहशत का आलम ये है कि लोग अपने अपने घरों में दुबके है और गाँव मे सन्नाटा पसरा हुआ हैं।ग्रामीणों की माने तो स्वास्थ्य विभाग की टीम निरीक्षण के लिए गांव तो आई लेकिन महज खानापूर्ति कर वापस लौट गई।ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की जांच के लिए ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए लेकिन उसकी रिपोर्ट तक ग्रामीणों को प्राप्त नही हुई।गांव में लगातार हो रही लोगों की मौतें और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता लोगों के पलायन की मुख्य वजह हैं।