उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी को सूबे की सत्तारूढ़ योगी सरकार के खिलाफ बयानबाजी करना काफी महंगा पड़ा है। दरअसल, योगी सरकार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने की वजह से पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ रामपुर जिले में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इस अपमानजनक टिप्पणी कीवजह से उनपर राजद्रोह और धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दिश्मानी को बढ़ावा देने की कोशिश करने का आरोप लगा है।

इस बात की जानकारी देते हुए रामपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुरैशी पर के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए (धर्म, जाति, आदि के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाला भाषण देना), 124ए (राजद्रोह), और 505 1 बी- (सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के आशय से असत्य कथन) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, अजीज कुरैशी के खिलाफ यह एफआईआर बीजेपी नेता आकाश कुमार सक्सेना ने रविवार को लिखवाई। रामपुर के सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए अजीज कुरैशी ने आरोप लगाया कि कुरैशी सपा नेता आजम खान के घर गये और उनकी पत्नी तज़ीन फातमा से मिलने के बाद अपमानजनक बयान दिया और योगी आदित्यनाथ सरकार की तुलना राक्षस, शैतान और खून पीने वाले दरिन्दे (राक्षस) से की।
अपने इस शिकायत पत्र में बीजेपी नेता ने लिखा कि कुरैशी ने अपने बयान में आजम के खिलाफ कार्रवाई को इंसान और दानव के बीच की लड़ाई करार दिया। यह बयान दो समुदायों के बीच तनाव और समाज में अशांति पैदा कर सकता है। शिकायत के साथ सक्सेना ने पुलिस को विभिन्न चैनलों में प्रसारित कुरैशी के बयान की पेन ड्राइव भी दी है।
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आपको बता दें कि 81 वर्षीय अजीज कुरैशी कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य थे, जिन्होंने 2014-15 में मिजोरम के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उनके पास कुछ समय के लिए उत्तर प्रदेश का प्रभार भी था। पुलिस का कहना है कि मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही हैं और कानून के के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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