कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को अब एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ख़बर है कि ऐसे मरीजों की किडनी खराब हो रही है और ज्यादातर मामलों में इस बात का पता बिलकुल आखिरी स्टेज में चलता है। एनबीटी की रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसे मामले केवल उन्हीं मरीजों में नहीं देखे जा रहा हैं, जिन्हें कोविड की गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया था। बल्कि उन लोगों में भी देखा जा रहा हैं, जो होम आइसोलेशन में रहकर ही कोविड से ठीक हुए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के जर्नल में कहा गया है कि किडनी पर ये असर ऐसे मरीजों में भी देखा गया है कि जिन्हें पहले कोई किडनी की समस्या नहीं थी। ऐसे मरीजों में कोविड से किडनी फेल होने का खतरा दो गुना बढ़ चुका है।
आपको बता दें कि किडनी हमारे शरीर में मौजूद खून को छानकर साफ करने का काम करती है। रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि कोविड से ठीक हुए हर 10 हजार लोगों में से 7.8 को डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ रही है। स्टडी को अंजाम देने वाले वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी के निदेशक ज़ियाद अल-एली और उनकी टीम ने यह रिपोर्ट अप्रैल में सामने आए मरीजों के डेटा के आधार पर तैयार की थी।
स्टडी के लिए कोविड से ठीक हुए 89 हजार से ज्यादा लोगों की जानकारी को इकट्ठा किया गया। पेशे से किडनी स्पेशलिस्ट एल-एली कहते हैं, ‘ किडनी के मामले में सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि शरीर में किडनी खराब हो रही होती है और मरीज को पता भी नहीं चलता। न कोई दर्द उभरता है और न ही कोई लक्षण सामने आते हैं। हमने पाया कि घर पर ही ठीक हुए कोविड मरीजों में 6 महीने के भीतर किडनी खराब होने का रिस्क 23 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ’
 Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine
				 
			 
		 
						
					 
						
					