लखनऊ। कोविड महामारी से गांवों को सुरक्षित रखने में अब तक कामयाब रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गांव-गांव में कोविड टेस्टिंग का अभियान चलाएगी। पांच मई से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत गांवों में दस लाख से अधिक एंटीजन टेस्ट करके कोरोना की घुसपैठ को गांवों में रोका जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीजन टेस्ट करने के लिए 10 लाख एंटीजेन किट उपलब्ध कराई गई है और 10 लाख से अधिक मेडिकल किट बाँटे जाएंगे। एंटीजन टेस्ट में जो ग्रामीण कोरोना संक्रमित पाया जाएगा, उसका गांव में ही तत्काल इलाज शुरू किया जाएगा। कोरोना संक्रमित ग्रामीण को इलाज के लिए दवाई वाली एक कोविड किट और आयुष काढ़ा दिया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने बताई अपनी योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि कोविड संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए गांव -गांव में कोविड टेस्टिंग किया जाना तथा गांवों में सैनिटाइजेशन पर जोर देने से कोरोना की घुसपैठ को रोका जा सकता है। जिसके चलते ही अब प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोविड टेस्टिंग का वृहद अभियान चलाने की योजना तैयार की गई है। कोविड टेस्टिंग को लेकर यह देश में अपनी तरह की अनूठी और वृहद योजना है, जिसके तहत एक दिन में 97 हजार गांवों में कोविड टेस्टिंग की जाएगी।
गांव-गांव में कोरोना संक्रमित मरीज की तलाश के लिए चलाया जाने वाले कोविड टेस्टिंग अभियान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की देखरेख मेडिकल स्टाफ तथा आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोविड टेस्टिंग के इस अभियान के लिए सभी जरूरी तैयारी कर ली गई हैं। जिसके तहत गांवों में एंटीजेन टेस्ट करने के लिए दस लाख एंटीजेन किट उपलब्ध कराई गई है। इन एंटीजेन किट के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक टेस्ट कराए जाएंगे। इसके अलावा दस लाख से अधिक मेडिकल किट उपलब्ध कराए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीजन टेस्ट करने के लिए हर गांव में जाने वाले रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) एंटीजेन किट लेकर जाएगी। यह टीम गांव में अस्वस्थ व्यक्ति का एंटीजन टेस्ट के लिए एंटीजेन किट से कोविड टेस्ट करेंगी। इस टेस्ट में जो ग्रामीण पॉजिटिव पाए जाएंगा अथवा जिस ग्रामीण में कोविड के लक्षण होंगे, उन्हें मेडिकल प्रोटोकॉल का मुताबिक उपचार दिया जाएगा। ऐसे ग्रामीण मरीजों को इलाज के लिए एक मेडिकल किट दी जाएगी, जिसमें कोविड का इलाज करने वाली दवाएं होंगी।
ऐसे मरीजों का निगरानी समिति लगातार ध्यान रखेगी और आवश्यकतानुसार कोविड से संक्रमित मरीज को अस्पताल में एडमिट कराने की व्यवस्था भी जाएगी अथवा उसे क्वारंटाइन किया जाएगा। होम आइसोलेशन में ऐसे मरीजों का कैसे इलाज किया जाएगा, यह भी बताया जाएगा। कोविड संक्रमित हर शहरी और ग्रामीणों क्षेत्र के मरीज को मेडिकल किट देने के लिए भी दस लाख मेडिकल किट की व्यवस्था की गई है। सरकार का मत है कि गांवों में कोविड टेस्टिंग के इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और कोरोना के घुसपैठ को रोका जा सकेगा।
यह भी पढ़ें: बेबाक बयानबाजी करना कंगना रनौत को पड़ा भारी, ट्विटर ने दी कड़ी सजा
गांव में कोरोना की घुसपैठ को रोकने के लिए प्रदेश सरकार गांव में सैनिटाइजेशन का भी अभियान चला रही है। जिसके चलते हर गांव में अब साफ सफाई की जा रही हैं। कोविड-19 और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिये चलाये जा रहे इस अभियान के तहत सूबे की 58194 ग्राम पंचायतों के गांव-गांव, गली-गली, नुक्कड़-नुक्कड़ तक साफ-सफाई कराई जा रही है। सैनिटाइजेशन और फॉगिंग कराकर लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा। सरकार का कहना है कि कोरोना से जंग को जीतने की चुनौती के साथ ही लोगों को वेक्टर जनित रोगों से बचाना भी है। इसके लिये सरकार ने गांवों में अब अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी क्रम में कोरोना की रोकथाम के लिये गांव में कोविड टेस्टिंग कराना सरकार की नई पहल है।