इस साल अगस्त में शब्बीर रजा नामक एक मौलवी को उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक अवैध मदरसे के परिसर में 5 से 9 साल की कम से कम पांच नाबालिग लड़कियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में 17 सितंबर को मलसी गांव में विवाद तब शुरू हुआ जब शिकायत पत्र देकर आरोपी मौलवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों और मौलवी शब्बीर रजा की पैरवी करने वालों के बीच टकराव हो गया।
इस झड़प ने हिंसक रूप ले लिया और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर फायरिंग और हमला करना शुरू कर दिया, जिसमें पांच से छह लोग घायल हो गए। पुलिस ने झगड़े के बाद घायल हुए तीन लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया, जिनकी पहचान मोहम्मद यूनुस, शाहिद अहमद और कबीर अहमद के रूप में हुई है।
बताया गया कि आरोपी मौलवी नाबालिग लड़कियों को जिन्न की कहानियां सुनाकर डराता था और उनके माता-पिता पर उन आत्माओं को छोड़ने की धमकी देता था। उस पर नाबालिग लड़कियों को अपने फोन पर पोर्न वीडियो दिखाने का भी आरोप है।
मंगलवार रात करीब 10 बजे मोहम्मद खुर्शीद (आरोपी मौलवी का समर्थन करने वाला) और नबी हसन (मौलवी के खिलाफ शिकायत करने वालों में से एक) के बीच आरोपी मौलवी के खिलाफ मामले को लेकर बहस हुई और देखते ही देखते इसने हिंसक रूप ले लिया। इसके तुरंत बाद एसपी सिटी मनोज कत्याल, सीओ निहारिका तोमर समेत कई अन्य पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। साथ ही, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावित मालसी गांव में पीएसी की टीमें तैनात की गईं।
घटना के बारे में बात करते हुए एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के मालसी गांव में विवाद हुआ था, जिसमें दो पक्षों की ओर से कई राउंड फायरिंग की गई, जिसमें सात लोग घायल हो गए।
वहीं घायल पक्ष के मोहम्मद हुसैन ने बताया कि दूसरा पक्ष शाम से ही हमला करना चाहता था, जिसके लिए उसने गांव में बाहर से युवकों को बुलाया था। बताया जा रहा है कि आरोपी मौलवी के समर्थकों की ओर से नबी हसन समेत शिकायतकर्ता पक्ष पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था।
जैसा कि पहले बताया गया था, आरोपी मौलवी शब्बीर रजा को 18 अगस्त को उत्तराखंड के रुद्रपुर के मालसी गांव से गिरफ्तार किया गया था। रजा अपनी गिरफ्तारी से दो महीने पहले ही मालसी आया था क्योंकि वह पहले रामपुर शाहबाद में रहता था। यह जघन्य अपराध तब सामने आया जब नाबालिगों में से एक ने 16 अगस्त को अपने परिवार के सदस्यों को अपनी आपबीती सुनाई।
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इसके बाद, अगले दिन उसकी माँ ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच में कम से कम पांच लड़कियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। रजा बड़े लड़कों को यह कहकर पीटता था कि उन्होंने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया है और उन्हें भगा देता था। वह बड़ी लड़कियों को भी ढेर सारा होमवर्क देकर जाने के लिए कहता था। हालाँकि, वह 5-9 साल की छोटी लड़कियों को अतिरिक्त कक्षाओं के लिए मदरसे में ही रहने के लिए कहता था।
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