लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को मकान ढहाने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कानून के न्यायपूर्ण शासन का प्रतीक नहीं है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को संविधान और कानून के शासन के कार्यान्वयन पर ध्यान देना चाहिए।
मायावती की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें न्यायालय ने कहा था कि उसकी अनुमति के बिना एक अक्टूबर तक अपराध के आरोपियों सहित किसी भी संपत्ति को नहीं तोड़ा जाएगा। न्यायालय ने कहा था कि अवैध रूप से तोड़े जाने का एक भी मामला संविधान के मूल चरित्र के खिलाफ है।
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मायावती ने कहा कि बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं होने के बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृति चिन्तनीय। वैसे बुलडोजर व अन्य किसी मामले में जब आम जनता उससे सहमत नहीं होती है तो फिर केन्द्र को आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए, जो नहीं किए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वरना बुलडोजर एक्शन के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसमें दख़ल देकर केन्द्र सरकार की ज़िम्मेवारी को खुद नहीं निभाना पड़ता, जो यह ज़रूरी था। केन्द्र व राज्य सरकारें संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर ज़रूर ध्यान दें।