उत्तर प्रदेश समेत देश के 5 राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे. पंजाब, उत्तराखंड, गोवा में चुनाव हो चुके हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में चुनाव जारी है और मणिपुर में भी वोटिंग होनी है. इस चुनावी मौसम में धुंआधार रैलियां हो रही हैं. रैलियों में नेता अपने विरोधियों पर जुबानी वार भी कर रहे हैं. कुछ नेताओं का इतिहास भी खंगाला जा रहा है तो किसी की जमकर आलोचना की जा रही है. खैर ये सब तो राजनीति का हिस्सा रहा है. यहां हम आपको कुछ सफल नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं कि राजनीति में आने से पहले वे क्या करते थे?

नरेंद्र मोदी: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे. वे अपने भाषणों में कई बार बता चुके हैं कि उन्होंने पहली नौकरी एक चाय वाले के तौर पर थी. उनका अब तक का जीवन एक चाय वाले के देश का प्रधानमंत्री बनने का सफर बयां करता है और लोगों को प्रेरित करता है.
प्रणब मुखर्जी: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी एक जमाने में क्लर्क हुआ करते थे. उनकी पहली नौकरी अपर-डिवीजनल-क्लर्क के रूप में डिप्टी अकाउंटेंड जनरल के दफ्तर में थी. बाद में वह यूपीए सरकार में वित्त मंत्री बने थे.
मनमोहन सिंह: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह राजनीति में आने से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. बाद में वे सरकार के आर्थिक सलाहकार बने और फिर 2004 के आम चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद वे प्रधानमंत्री बनें.
निर्मला सीतारमण: वर्तमान में भारत की वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण कभी एक सेलर के तौर पर काम किया था. लंदन के रीजेंट स्ट्रीट में होम डेकोर स्टोर हैबिटेट में उन्होंने एक विक्रेता के रूप में काम किया था. जेएनयू से पढ़ाई करने वाली सीतारमण आज देश की वित्त मंत्री हैं.
मायावती: बसपा यानी बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती राजनीति में आने से पहले शिक्षक हुआ करती थीं. बीएड की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आईएएस की तैयारी करने लगी थीं. उसी दौरान उन्होंने शिक्षक के रूप में अपनी पहली नौकरी की थी.
न पूछो मेरी मंजिल कहां है…पंक्तियों के साथ मुख्यमंत्री गहलोत ने शुरू किया बजट 2022
अरविंद केजरीवाल: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल आईआरएस यानी भारतीय वित्त सेवा के अधिकारी थे. उन्होंने इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर सेवा दी थी. वर्ष 2011 में वे अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से जुड़े, चर्चा में आए और फिर राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव लड़े. आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल लगातार जारी है.
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine