उत्तर प्रदेश न्यूज़ : संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की हर दिन होगी जांच, लापरवाही पड़ेगी भारी

संचारी रोगों के खिलाफ योगी सरकार की मुहिम अक्तूबर महीने में भी जारी रहेगी। 3 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक पूरे प्रदेश में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान (16 से 31 अक्तूबर) के अंतर्गत विशेष सावधानी बरती जाएगी। खास बात ये है कि इस पूरे अभियान की हर दिन निगरानी और रिपोर्टिंग होगी तथा शिथिलता या लापरवाही बरतने वाले उत्तरदायी कर्मियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।

इसे लेकर नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक द्वारा पूरे नगर आयुक्त एवं जल संस्थान व जलकल विभाग के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर यह सूचना दी गयी है। गौरतलब है कि प्रदेश भर में संचारी रोगों व दिमागी बुखार पर नियंत्रण व रोकथाम के लिए योगी सरकार ने कई विभागों के समन्वय से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान चला कर रही है। इसमें न केवल संचारी रोगों को फैलने से रोकने की कार्यवाही की जा रही है, बल्कि पीड़ित रोगियों के इलाज की भी व्यवस्था की गई है।

निर्धारित माइक्रोप्लान के मुताबिक हर दिन हो संचालन
आपको बता दे, नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक नितिन बंसल द्वारा जारी किये गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में 3 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान का प्रभावी रूप से चलता रहेगा। ऐसे में नगर विकास से संबंधित उल्लेखित बिंदुओं पर प्रभावी व समयबद्ध कार्यवाही कराते हुए निर्धारित किये गए माइक्रोप्लान के मुताबिक अभियान के दौरान हर दिन गतिविधियों का संचालन रिकॉर्ड व सुनिश्चित हो। इसके साथ ही हर एक दिन पूर्ण गतिविधियों की जानकारी निदेशालय के गूगल लिंक पर अवश्य ही पेश की जाएं।

अंतर्विभागीय रूप से आगे बढ़ रहा अभियान
प्रदेश भर में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के प्रभावी संचालन के लिए योगी सरकार ने विशेष रणनीति बनाकर तैयार की है। कई विभागों के बीच समन्वय से इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। इन विभागों में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम, शहरी विकास, कृषि विभाग, पशु पालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की आवश्यक भूमिका है। वहीं, यूनिसेफ, पाथ, डब्ल्यूएचओ एनपीएसपी, टाटा ट्रस्ट, प्लान इंडिया और गोदरेज सीएसआर न केवल बतौर पार्टनर इस अभियान से जुड़े हैं, बल्कि वो नियमित इसकी निगरानी कर जायजा भी लेते रहेंगे।

तमाम सघन मच्छरों के नियंत्रण गतिविधियों पर होगा फोकस
इस अभियान को अंतर्विभागीय गतिविधियों के अंतर्गत जिस माइक्रोप्लान के तहत चलाया जा रहा है, उसमें जनपदों के अंदर मच्छरों के प्रजनन एवं घनत्व की स्थिति की बराबर निगरानी, विगत वर्ष के आंकड़ों के मुताबिक निर्धारित हाई रिस्क एरिया तथा संचारी रोग अभियान में पाई गई ज्यादा मच्छर घनत्व वाले क्षेत्रों में सघन मच्छर नियंत्रण गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा घरों के अंदर मच्छरों के प्रजनन अनुकूल स्थितियों की जांच करना भी शामिल है, जिसके लिए आशा तथा आंगनबाड़ी और जनपद द्वारा ब्रीडिंग चेकिंग के लिए अन्य कर्मचारियों को लगाया गया है। मच्छरों के प्रजनन पर रोक तथा मच्छरों के काटने से बचाव के उपायों पर आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा जानकारी दी जाएगी। नगर विकास तथा ग्राम विकास और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सोर्स रिडक्शन गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसके अलावा लेप्टोस्पाइरोसिस तथा स्क्रब टायफस के रोगियों की निगरानी व इलाज के लिए भी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।