लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में 64वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इसमें कुलाधिपति, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के साथ परीक्षा नियंत्रक प्रो. ए.एम. सक्सेना मंच पर उपस्थित थे।
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय निरक्षरता के अधंकार को दूर कर अपने आदर्श वाक्य “लाइट एंड लर्निंग” के अनुरूप काम कर रहा है। उन्होंने एनईपी-2020 को लागू करने में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और एनआईआरएफ और इंडिया टुडे में रैंक प्राप्त करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों में प्रश्न पूछने की क्षमता विकसित करता है और उन्हें सहनशीलता सीखना भी सिखाता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कक्षाओं में आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नए छात्रों को दैनिक जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रबुद्ध पूर्व छात्रों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 25 नवंबर को प्रधानमंत्री ने जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी थी जो आने वाले भविष्य में 1 लाख लोगों को रोजगार देगा। उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले माननीय प्रधान मंत्री ने देश को आरोग्य भारत योजना से आशीर्वाद दिया था, जो पूरे देश की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करेगी। इसके बाद उन्होंने एनएफएचएस-2020 की रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें संकेत दिया गया था कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में महिला से पुरुष अनुपात में सुधार हुआ है।
कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने वर्ष 2021 में लखनऊ विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को सबके सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह एक छोटा कार्यक्रम है, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध 500 से अधिक कॉलेज इस छोटे से समारोह का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही उन्होंने टिप्पणी की कि इस दीक्षांत समारोह के बाद 34811 डिग्री पंजीकृत डाक द्वारा उम्मीदवारों को उनके घर के पते पर भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण इकाई है और विश्वविद्यालय प्रणाली में शामिल होने वाले छात्रों को कई क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करने के लिए नई अंतर्दृष्टि और प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
प्रो. राय ने बताया कि इस सत्र में विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय में तीन नए संस्थान खोले हैं और एनआईआरएफ में रैंक भी हासिल की है। अंत में उन्होंने विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य “लाइट एंड लर्निंग” का उल्लेख किया और दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का फिर से स्वागत किया।इसके बाद कुलाधिपति को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। जिसके बाद कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह की समाप्ति की घोषणा की। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ शोभा यात्रा मालवीय सभागार से रवाना हुई।