महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से भाजपा पर हमला किया है। भाजपा पर राजनीतिक सुविधा के अनुसार हिंदुत्व का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना राज्य के बाहर अब अपना प्रसार करेगी और उसका लक्ष्य राष्ट्रीय भूमिका को हासिल करने का है। शिवसेना संस्थापक और अपने पिता बाल ठाकरे की 96 वी जयंती पर उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि शिवसेना ने सत्ता के माध्यम से हिंदुत्व के एजेंडे को आगे ले जाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था। इतना ही नहीं, उन्होंने तो यह भी कह दिया कि शिवसेना ने सत्ता की खातिर कभी भी हिंदुत्व का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने हिंदुत्व को नहीं बल्कि भाजपा ने छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि भाजपा का अवसरवादी हिंदुत्व बस सत्ता के लिए है।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में जो 25 साल निकाले वह बर्बाद चले गए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भाजपा का मतलब हिंदुत्व नहीं है। मैं अपने बयान पर पूरी तरह से कायम हूं कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में 25 साल बर्बाद कर दिया। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा से अलग हो चुकी शिवसेना फिलहाल महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही है। उद्धव ठाकरे ने अपने इस कदम को सही बताते हुए कहा कि हमने भाजपा को उसकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए दिल खोलकर साथ दिया। लेकिन हमारे साथ धोखा किया गया और हमें हमारे ही घर में मिटाने की कोशिश की गई।
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उद्धव ठाकरे के इस बयान को लेकर अब संजय राउत का भी बयान आ गया है। संजय राउत ने कहा कि ये सही है, ये सिर्फ शिवसेना के साथ नहीं हुआ बल्कि जो भी बीजेपी के साथ चला गया था उन सभी का यही हाल हुआ था, सभी को उनकी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि बाबरी के बाद हिंदुस्तान में हमारी एक लहर थी अगर हम उस समय उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ते तो देश में हमारा (शिवसेना पार्टी का) पीएम होता। लेकिन हमने बीजेपी के लिए सब कुछ छोड़ दिया। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बयान देते हुए कहा कि बीजेपी ने हिंदुत्व के साथ ‘सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास’ की भूमिका भी निभाई है। बीजेपी ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है बल्कि मुझे लगता है कि शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ा है। उन्हें दोबारा बीजेपी के साथ आने के बारे में सोचना चाहिए।