संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दिया है। दरअसल, इस बार यूएई ने पाकिस्तान समेत 13 मुस्लिम देशों के वर्क और एम्प्लॉयमेंट वीजा को रद्द कर दिया है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह कदम सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, कई विश्लेषक इस फैसले की वजह पाकिस्तान और यूएई के बीच खराब हुए रिश्तों को बता रहे हैं। पाकिस्तान के अलावा, ये बैन सीरिया, तुर्की, ईरान, यमन पर भी लागू होगा।
एम्प्लॉयमेंट वीजा रद्द कर यूएई ने तोड़ दी पाकिस्तान की कमर
बीते 18 जून को पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों का वीजा रद्द करने के बाद अब यूएई ने एक बाद फिर बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान सहित 13 मुस्लिम देशों का वर्क और एम्प्लॉयमेंट वीजा रद्द कर दिया है। यूएई के इस फैसले को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर तगड़ा झटका बताया जा रहा है। इस बात का अंदेशा पाकिस्तान की कई रिक्रूटमेंट कंपनियों ने जाहिर किया है।
दरअसल, बीते 18 नवंबर को यूएई द्वारा रद्द किये गए पाकिस्तानियों के वीजा के बाद रावलपिंडी की एक रिक्रूटमेंट एजेंसी ने 3000 नौकरियां गंवा दीं। कुछ न्यूज पेपर्स ने इसे भारतीयों के हित में बताया था। उनका कहना था की ये नौकरियां पाकिस्तानियों के हाथ मिल गई हैं और अब इनपर भारतीयों का हक हो जाएगा।
दरअसल, हर साल पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए यूएई का रुख करते हैं। पाकिस्तान को यूएई से काफी रेमिटेंस (प्रवासियों की ओर से घर भेजा गया पैसा) भी मिलता है। पाकिस्तान में कई रिक्रूटमेंट एजेंसियों ने आशंका जाहिर की है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
यूएई प्रशासन से इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान के लिए वर्क और एंप्लायमेंट वीजा पर फिलहाल रोक रहेगी। हालांकि, इस फैसले का असर पुराने वीजा या जारी किए जा चुके वीजा पर नहीं पड़ेगा। दुबई एयरपोर्ट फ्री जोन की ओर से जारी किए गए पत्र में नए वर्क वीजा और विजिट वीजा पर रोक लगाए जाने की बात कही गई है।
एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक़, पाकिस्तान में एक रिक्रूटमेंट एजेंसी चलाने वाले सांसद अनवर बेग ने कहा कि अगर इस बैन के पीछे कोरोना वजह होती तो भारत को भी इस सूची में शामिल किया जाता क्योंकि वहां दुनिया में सबसे ज्यादा केस आ रहे हैं। बेग ने कहा कि वर्क या एंप्लायमेंट वीजा का रद्द होना चिंताजनक है और ये बैन पाकिस्तान को टारगेट करते हुए लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि साल 2015 में पाकिस्तान से 3,26,000 लोग यूएई गए, 2016 में 2,90,000, साल 2017 में 275,000, साल 2018 में 208,000, साल 2019 में 2,11000 और साल 2020 में कोविड के बावजूद अक्टूबर तक 50,000 पाकिस्तानी रोजगार के लिए यूएई जा चुके हैं। ये पाकिस्तानी कामगार सालाना देश में 4 अरब डॉलर के करीब रेमिटेंस भेजते हैं।
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार सैय्यद जुल्फी बुखारी ने भी पुष्टि की कि पिछले 3 दिन से यूएई ने पाकिस्तान के लिए वर्क वीजा रद्द किए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि ये जानकारी नहीं है कि ये बैन अब भी जारी है या नहीं। पाकिस्तानी इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से यूएई के साथ बातचीत कर इस मुद्दे का समाधान निकालने की अपील कर रहे हैं।