तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अमेरिका, फ्रांस कनाडा समेत 10 देशों के राजदूतों को देश से निकाल दिया है। आरोप है कि इन देशों ने उस्मान कवला की रिहाई का आह्वान कर घरेलू मामलों में दखल देने का प्रयास किया है।

राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को कहा कि मैंने अपने विदेश मंत्री को आदेश दिया है कि इन 10 राजदूतों को जल्द से जल्द अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाए। इन राजदूतों को 48 से 72 घंटे के अंदर तुर्की से बाहर जाना होगा। जारी बयान में कहा गया है कि इन राजदूतों ने सामाजिक कार्यकर्ता उस्मान कवला की रिहाई का समर्थन किया था।
कवला चार साल से जेल में हैं। कावला पर 2013 में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की फाइनेंसिंग करने का आरोप है। ऐसा कम ही होता है कि कोई देश राजदूत को अपने यहां से बाहर निकाले। आम तौर पर राजनयिकों को बाहर निकाले जाने का आदेश जारी होता है।
तुर्की का कहना है कि साल 2016 में हुए असफल तख्तापलट के पीछे भी उस्मान कवला का हाथ था। हालांकि कावला की ओर से इन आरोपों से हमेशा इनकार किया जाता रहा है।
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उल्लेखनीय है कि बीते दिनों कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूतों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कवला के रिहाई की मांग की थी। इन राजदूतों का कहना था कि कवला के मामले का न्यायसंगत समाधान किया जाए। तुर्की की ओर से बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया गया था। इनकी इसी मांग से तुर्की के राष्ट्रपति नाराज होकर यह कार्रवाई की है।
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