नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों और पक्षों को सुनने के बाद राजद्रोह कानून पर बड़ा फैसला सुनाया है, अपने इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार तक इसके इस्तेमाल पर रोक रहेगी। वहीं अदालत ने केंद्र और राज्यों को भी निर्देश दिए हैं कि पुनर्विचार तक राजद्रोह कानून यानी 124ए के तहत कोई भी नया मामला या मुकदमा दर्ज न किया जाए। अब इस मामले की सुनवाई आगामी 3 जुलाई को होगी।
आपकों बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के मामले पर सुनवाई हुई। जिसमें केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि फिलहाल इस कानून पर रोक न लगाई जाए।
अखिलेश यादव ने राजभर पर हुए हमले को लेकर सीएम योगी पर साधा निशाना
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से अदालत को बताया कि केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को जारी किए जाने वाले निर्देश का मसौदा तैयार किया है। उसके मुताबिक राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश होगा कि बिना जिला पुलिस कप्तान यानी एसपी या उससे ऊंचे स्तर के अधिकारी की मंजूरी के राजद्रोह की धाराओं में में एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। साथ ही सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये भी बताया पुलिस अधिकारी को राजद्रोह के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने के समर्थन में पर्याप्त कारण भी बताने होंगे।