स्वच्छ भारत मिशन: ऐसे लखनऊ को स्वच्छ बनाने के दावे कैसे होंगे पूरे

लखनऊ। हमारी एतिहासिक धरोहरों के प्रति हम कितना संजीदा है। ट्विटर पर इस तरह की एक तस्वीर लखनऊ से आने के बाद उसका खुलासा हो जाता है। नवाबों की नगरी लखनऊ में एतिहासिक धरोहरों के आसपास सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले कितने सजग है यह इस ट्विट से साफ हो जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां सार्वजनिक स्थलों की सफाई की मुहिम छेड़े हैं ऐसे में वर्दीधारी लोगों को इस तरह का कृत्य क्या शोभा देता है।
बड़ा इमामबाड़ा
इमामबाड़े का निर्माण आसफउद्दौला ने 1784 में अकाल राहत परियोजना के अन्तर्गत करवाया था। यह विशाल गुम्बदनुमा हॉल 50 मीटर लंबा और 15 मीटर ऊंचा है। अनुमानतः इसे बनाने में उस ज़माने में पाँच से दस लाख रुपए की लागत आई थी। यही नहीं, इस इमारत के पूरा होने के बाद भी नवाब इसकी साज सज्जा पर ही चार से पाँच लाख रुपए सालाना खर्च करते थे। ईरानी निर्माण शैली की यह विशाल गुंबदनुमा इमारत देखने और महसूस करने लायक है। लखनऊ आने वाले लोग इस भव्य एतिहासिक इमारत को देखने अवश्य आते हैं।
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