पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शोभनदेव चटर्जी राज्यपाल का पद खत्म करना चाहते हैं। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह सुझाव दिया है। चटर्जी का कहना है कि राज्य के मुख्य न्यायाधीश को इन जिम्मेदारियों को संभालना चाहिए। खास बात है कि राज्य के पूर्व राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस के बीच मतभेदों की खबरें सामने आती रही हैं।
चटर्जी ने कहा कि वह पहले भी इस तरह के सुझाव दे चुके हैं और कई सरकारी आयोगों में भी इस सुझाव को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि राज्य के मुख्य न्यायाधीश को राज्य के राज्यपाल की जिम्मेदारियां निभानी चाहिए। चीफ जस्टिस कानून के उन पहलुओं को देख सकते हैं, जिनका फिलहाल राज्यपाल ध्यान रखते हैं।’
चटर्जी का कहना है कि उनका प्रस्ताव केवल पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह केवल मेरे राज्य के लिए नहीं है। चूंकि देश में बहुदलीय प्रणाली है, तो कई बार एक खास पार्टी केंद्र में होती है और अन्य दल राज्य में सत्ता में होता है। इस समय दोनों के बीच मतभेद होते हैं, जो विकास को प्रभावित करते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इस मतभेदों को जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है। चूंकि मुख्य न्यायाधीश गैर-राजनीतिक व्यक्ति होता है और वह कानून बेहतर जानता है, तो उन्हें राज्यपाल की जिम्मेदारियां देखनी चाहिए।’