यूपी में चुनावों की तारीख बिल्कुल नजदीक आ चुकी है. ऐसे में बयानों का दौर जारी है. इस बीच सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य पहली बार कुशीनगर के फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे. जनपद में सपा कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद का जगह-जगह उत्साहपूर्वक स्वागत किया. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य कोरोना नियमों और चुनाव आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाते हुए लंबा काफिला लेकर चल रहे थे. स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हजारों लोगों का हुजूम चल रहा था. इस दौरान उन्होंने सीएम योगी पर जमकर निशाना साधा.
योगी जी अपनी चिंता करें, 10 मार्च के बाद खुद गर्मी उतर जायेगी- स्वामी प्रसाद मौर्य
मीडिया से बात करते समय स्वामी प्रसाद, योगी सरकार पर जमकर बरसे. स्वामी प्रसाद ने कहा कि योगी को राष्ट्रीय नेताओं की कृपा से सीएम का पद मिला है लेकिन अब जिंदगी में कभी उस पद पर नहीं आयेंगे. मौर्य ने कहा कि योगी आदित्यनाथ वोट के सौदागर हैं. योगी के अलोकतांत्रिक चेहरे को जनता ने देख लिया है. योगी आदित्यनाथ के गर्मी उतारने वाले सवाल पर मौर्य ने कहा कि किसी की गर्मी उतारने की बात करना सीएम की भाषा नहीं हो सकती है. वे सीएम नहीं गुंडे, मवाली की भाषा बोल रहे हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि योगी जी अपनी चिंता करें, 10 मार्च के बाद खुद गर्मी उतर जायेगी. इस तरह की भाषा कोई जन प्रतिनिधि नहीं बोल सकता है.
इस दौरान मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि योगी जी कहते हैं कि क्षत्रिय होने पर गर्व है. जबकि सब लोग जानते हैं कि योगी और मुख्यमंत्री की कोई जाति नहीं होती है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है. योगी तो गोरखपुर जैसे सम्मानित पीठ के महंत हैं. एक तरफ वह राष्ट्रवाद का नारा देते हैं दूसरी ओर जातिवाद करते हैं. दलितों और पिछड़ों के आरक्षण की सीट सामान्य को दे दिया. मौर्य ने एक कहावत भी कही और कहा कि अंधा बांटे रेवड़ी, अपन-अपन का देय.
ओवैसी पर हमला: फेसबुक पर दोस्ती, फोन पर साजिश और टोल पर अंजाम, हमलावरों ने खोले कई राज
आरपीएन सिंह के डर से पडरौना विधानसभा क्षेत्र छोड़ने के सवाल का दिया जवाब
आरपीएन सिंह के डर से पडरौना विधानसभा क्षेत्र छोड़ने के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि आरपीएन सिंह से क्या तुलना करना है, जिसको कई बार पटखनी दे चुका हूं. जिसकी माता जी को हरा चुका हूं और तीसरे को लाये उसको भी हरा चुका हूं. आरपीएन सिंह की हिम्मत ही नहीं है कि वह क्षेत्र में आएं. अगर आरपीएन सिंह कहें तो अपने एक अदने से कार्यकर्ता को चुनाव लड़ा कर उनको पटखनी दे सकता हूं.