बिहार के मछुआरों को बड़ी राहत: नाव और जाल खरीदने पर 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी, 31 दिसंबर तक करें आवेदन

पटना। बिहार सरकार ने मछुआरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। नीतीश सरकार के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की ओर से मछुआरों के लिए नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत नाव और मछली पकड़ने के जाल की खरीद पर मछुआरों को अधिकतम 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा, जिससे एक लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा।

सरकार ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य और परंपरागत मछुआरे 31 दिसंबर 2025 तक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग के अनुसार, मछली पकड़ने के व्यवसाय से जुड़े लोग फिशिंग वुडन बोट पैकेज, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज और कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज में से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के दौरान मोबाइल नंबर, बैंक शाखा का नाम, खाता संख्या, आईएफएससी कोड, आधार कार्ड और मछली शिकार से जुड़े आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना होगा।

इस योजना का लाभ परंपरागत मछुआरों के साथ-साथ मछली पकड़ने के कार्य में लगी महिलाएं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मछुआरे भी उठा सकते हैं। सरकार ने फिशिंग वुडन बोट पैकेज की इकाई लागत 1,24,400 रुपये, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज की 1,54,400 रुपये और कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज की 16,700 रुपये तय की है। इन पर अधिकतम 90 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी।

प्रदेश के सभी जिलों के मछुआरे इस योजना के लिए पात्र हैं। लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस योजना से मछुआरों का सशक्तिकरण होगा और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।