ओवैसी पर हमला: फेसबुक पर दोस्ती, फोन पर साजिश और टोल पर अंजाम, हमलावरों ने खोले कई राज

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर फायरिंग के मामले में पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस मामले में सभी पहलुओं पर जांच में जुटी है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि हमलावरों ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन औवेसी पर हमले के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। दोनों हमलावर युवक पहले से तैयार खड़े थे। ओवैसी का काफिला जैसे ही टोल प्लाजा पर पहुंचा, वे नजदीक आ गए। जैसे ही गाड़ियों की रफ्तार धीमी हुई, वैसे ही ओवैसी की कार पर गोली चला दी। फुटेज में नजर आ रहा है कि दोनों ने गोली कार के नीचे की तरफ ही चलाई। वे हमले के लिए ओवैसी के आने से डेढ़ घंटा पहले पहुंचे थे। पुलिस ने ओवैसी के ड्राइवर यामीन की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है।

पहले लगा धमाका हुआ, फिर समझे फायरिंग

औवेसी ने घटनास्थल से जाने के बाद एएसपी को फोन किया। उन्हें पूरा घटनाक्रम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वह पहले समझे की आस-पास कोई धमाका हुआ है। दूसरी गोली चलने पर अहसास हुआ कि फायरिंग हो रही है। निशाना उनकी कार ही थी। इसके बाद ओवैसी ने घटना के बारे में ट्वीट किया।

फेसबुक पर दोस्ती, फोन पर रची साजिश

सचिन ने पूछताछ में बताया कि शुभम से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई। इसके बाद फोन पर बातें होने लगीं। फोन पर ही हमले की साजिश तैयार की। दोस्तों से पिस्तौल ली। हमले से पहले दोनों मिले और कार से टोल प्लाजा पर पहुंच गए।

हम किसी दल के कार्यकर्ता नहीं

पुलिस पूछताछ में सचिन और शुभम ने बताया कि वे किसी दल के कार्यकर्ता नहीं है। असदुद्दीन ओवैसी से ज्यादा नाराजगी उनके भाई अकबरुद्दीन से है। काफी दिन से हमला करने की सोच रहे थे। उनका इरादा ओवैसी की जान लेने का नहीं, बल्कि यह संदेश देना था कि नफरत की राजनीति छोड़ दें। ओवैसी को नुकसान न हो, इसलिए गोली कार के निचले हिस्से में चलाई थी।

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सांप्रदायिक बातें पोस्ट करता था सचिन

जांच में पता चला है कि ओवैसी के बयानों से सचिन नाराज था। उसका देशभक्त सचिन हिंदू के नाम से फेसबुक प्रोफाइल है। सचिन अक्सर सांप्रदायिक बातें पोस्ट करता था। उसके कई भाजपा नेताओं के साथ फोटो भी हैं। वह नेताओं को जन्मदिन पर बधाई देने के पोस्ट भी करता है। सचिन अविवाहित है और पिता विनोद कंपनियों में श्रमिक उपलब्ध कराने का काम करते हैं। गांव में सचिन के ओवैसी की कार पर हमला करने की अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है। हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने पुलिस के गांव आने और उसके परिजनों को पूछताछ के लिए ले जाने की जानकारी दी है।

आपको बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे फायरिंग की गई थी। घटना उस वक्त हुई जब पिलखुवा के पास छिजारसी टोल प्लाजा से उनका काफिला गुजर रहा था। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों से पूछताछ कर रही है।