सोमवती अमावस्या: पाबंदी के बाद हजारों श्रद्दालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सोमवार चंद्र देवता कों समर्पित दिन है,भगवन चंद्र को मन का कारक माना जाता है अतः इस दिन अमावस्या पड़ने का अर्थ है की यह दिन मन सम्बन्धित दोषो को दूर करने के लिए उत्तम है। हमारे शास्त्रो में चंद्रमा को ही दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टो का कारक माना जाता है,अतः यह पूरे वर्ष में एक या दो बार ही पड़ने वाले पर्व का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है। विवाहित स्त्रियों के द्वारा इस दिन पतियों की दीर्घआयु के लिये व्रत का विधान है। बता दें कि सोमवती अमावस्या पर पाबंदी के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी।

यह भी पढ़ें: विश्व में सुख शान्ति के लिए भारत का हिन्दू राष्ट्र होना जरूरी: स्वामी आनन्द स्वरूप

सोमवती अमावस्या: पाबंदी के बाद हजारों श्रद्दालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

सोमवती अमावस्या कलयुग के कल्याणकारी पर्वो में से एक है, लेकिन सोमवती अमावस्या को अन्य अमावस्याओं से अधिक पुण्य कारक मानने के पीछे भी पौराणिक एवं शास्त्रीय कारण है। सोमवार को भगवान शिव एवं चंद्र का दिन माना जाता है। सोम यानि चन्द्रमा अमावस्या और पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा यानि सोमांश या अमृतांश सीधे-सीधे पृथ्वी पर पड़ता है। बता दें कि सोमवती अमावस्या पर पाबंदी के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी।

यह भी पढ़ें: शादी समारोह में फिजूलखर्चों से बचे हिन्दू समाज: हिन्दू महासभा

बता दें कि सोमवती अमावस्या पर ब्रजघाट व तिगरीधाम में कड़ाके की ठंड में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं को रोकने के लिए लगी पुलिस को चकमा देकर लोग गंगा में स्नान करने के लिए पहुंच गए। घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। हर-हर गंगे के जयघोष से गंगातट गुंजायमान रहे। श्रद्धालुओं ने विधि विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद जरूरतमंदों को दान दिया तथा भोजन कराया। बता दें कि सोमवती अमावस्या पर पाबंदी के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी।

कोरोना महामारी के चलते भीड़ के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगी हुई है। यही वजह है कि किसी भी पर्व पर श्रद्धालुओं को गंगास्नान करने के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। श्रद्धालु गंगाघाटों तक नहीं पहुंचे, इसके लिए पुलिस घेरा तैयार करती है लेकिन इसके बावजूद भी श्रद्धालु पुलिस को चकमा देकर किसी तरह गंगास्नान करने घाटों तक पहुंच जाते हैं।

सोमवार को सोमवती अमावस्या पर भी कुछ ऐसा ही हुआ। गंगास्नान पर पुलिस ने पाबंदी लगा दी। लेकिन पुलिस की पाबंदी पर आस्था भारी पड़ी। पाबंदी के बावजूद भी हजारों श्रद्धालुओं ने बृजघाट व तिगरीधाम गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। सोमवार की सुबह तड़के से ही कड़ाके की ठंड में श्रद्धालु गंगाघाट पहुंचने शुरू हो गए थे। गंगा में स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। बता दें कि सोमवती अमावस्या पर पाबंदी के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी।

गजरौला में कोरोना संक्रमण के चलते भीड़ के गंगास्नान पर पाबंदी लगी हुई है। श्रद्धालुओं ने किसी तरह गंगास्नान किया। इस दौरान गंगाघाटों के किनारे मेले जैसा माहौल रहा। वहीं दुकानों पर भी खरीदारी करने वालों की भीड़ दिखाई दी। महिलाओं ने गंगास्नान के बाद चांट-पकौड़ी का भी आनंद उठाया। वहीं बच्चों के लिए खिलौने भी खरीदे। बता दें कि सोमवती अमावस्या पर पाबंदी के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी।