सीएम एकनाथ शिंदे के लेटर से खुलासा- राज्य के साथ केंद्र की भी कृपा चाहता था वेदांता

महाराष्ट्र से वेदांता समूह और फॉक्सकॉन के 1.5 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के गुजरात शिफ्ट होने के बाद एकनाथ शिंदे के लेटर से बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि वेदांता समूह ने पुणे के पास तलेगांव में प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने से पहले महाराष्ट्र सरकार से दो विशेष अनुरोध किए थे। इसमें केंद्र सरकार से तालमेल और राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी शामिल थी।

26 जुलाई को वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल को लिखे एक पत्र में 26 जुलाई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वेदांता द्वारा किए गए अनुरोधों पर राज्य सरकार दोनों मोर्चों पर पहले से ही सकारात्मक दिशा तेजी से आगे बढ़ रही है। शिंदे ने अपने पत्र में अग्रवाल को आश्वासन दिया था कि एक हाई लेवल कमेटी द्वारा इंसेंटिव पैकेज के लिए सैद्धांतिक मंजूरी को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी।

शिंदे ने पत्र में लिखा, “पैकेज की मंजूरी के अलावा हम यह सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ बेहतर तालमेल की भी मांग कर रहे हैं, जिससे प्रोजेक्ट को बेहतर समर्थन मिल सके।” हालांकि शिंदे के पत्र में जिन दो अनुरोधों का जिक्र है, उसपर पूछे जाने पर वेदांत समूह के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार वेदांता समूह और फॉक्सकॉन के डिस्प्ले फैब्रिकेशन और सेमीकंडक्टर यूनिट के गुजरात में शिफ्ट होने पर विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष का कहना है कि राज्य सरकार ने 1.5 लाख करोड़ रुपये की परियोजना को गंवा दिया है। दावा किया गया है कि गुजरात द्वारा प्रोत्साहन पैकेज महाराष्ट्र की तुलना में बहुत कम था।

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इसपर शिवसेना नेता और पूर्व उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा है कि इन सबके बावजूद प्रोजेक्ट गुजरात में शिफ्ट हुआ है, तो यह निश्चित रूप से केंद्र सरकार के दबाव में राजनीतिक फैसला है। विपक्ष के आरोपों के बीच बीते दिनों एकनाथ शिंदे ने प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर भी बात की। शिंदे का कहना है कि पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में अन्य बड़ी परियोजनाओं को लाने में मदद करने का आश्वासन दिया है।