रेप और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया है। दरअसल, गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को हटा दिया है।
आपको बता दें कि फरीदकोट में वर्ष 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की एक बीर (प्रति) चोरी होने, पवित्र ग्रंथ के अपवित्र पोस्टर लगाने तथा बरगाड़ी में बिखरे पवित्र ग्रंथ के फटे हुए पृष्ठ मिलने जैसी घटनाएं घटित हुई थीं।
इन घटनाओं के कारण फरीदकोट में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। अक्टूबर 2015 में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में फरीदकोट के बेहबल कलां में दो लोग मारे गए थे, जबकि कोटकपुरा में कुछ लोग घायल हो गए थे।
इस बेअदबी कांड का संबंध डेरा सच्चा सौदा के विवादास्पद प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह से जुड़ा होने की बात बाद में सामने आई। विभिन्न विवादों में शामिल रहे राम रहीम पर कई सिख समूहों ने बेअदबी के पीछे होने का आरोप लगाया, हालांकि अभी तक अदालत में कोई प्रत्यक्ष, निर्णायक संबंध साबित नहीं हुआ है।
बेअदबी के मामलों की जांच के दौरान, डेरा सच्चा सौदा से कथित तौर पर जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कुछ गवाहों और जांच रिपोर्टों ने बेअदबी की साजिश रचने में डेरा अनुयायियों की संलिप्तता की ओर इशारा किया, जिससे राम रहीम की संलिप्तता के बारे में संदेह और बढ़ गया।
पंजाब में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से गरमा गया, जहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर डेरा को बचाने या मामले की उचित जांच न करने का आरोप लगाया। बेअदबी का मुद्दा, साथ ही बेहबल कलां और कोटकपूरा में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी, पंजाब में प्रमुख चुनावी मुद्दे बन गए।
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पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने मार्च में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ बरगाड़ी में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में तीन मामलों में चल रही पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई SIT की जांच पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद इस आदेश को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगाई रोक हटा दी। रोक हटाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राम रहीम को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इस आदेश को पंजाब सरकार ने SC में चुनौती दी है।