पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को लेकर दिए गए बयान ने अब उनके सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। दरअसल, उनके बयान की वजह से पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है, जिसकी वजह से अब महमूद कुरैशी को अपने बयान पर सफाई पेश करना पड़ा है।

महमूद कुरैशी के बयान पर आक्रामक हुआ विपक्ष
दरअसल, महमूद कुरैशी ने बीते दिन एक पाकिस्तानी चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को भारी का अंदरूनी मामला बताया था। कुरैशी के इस बयान ने पाकिस्तान की सत्तारूढ़ इमान सरकार को सवालों में घेर दिया। विपक्षी दल पीएमएल-एन ने अनुच्छेद 370 पर कुरैशी के बयान को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के प्रवक्ता मोहम्मद जुबैर ने बीते दिन कहा कि वह मंत्री के बयान से बेहद नाखुश हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि क्या ये ऐतिहासिक यू-टर्न है? कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत के अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि ये भारत का आंतरिक मुद्दा है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने कश्मीर पर अपने उस पुराने रुख को बदल दिया है जिसके मुताबिक कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है।
यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने हिंदू विरोधी दंगों की साजिश रचने वाली नताशा को दी राहत, सुनाया बड़ा फैसला
इसके बाद महमूद कुरैशी को अपने बयान पर सफाई पेश करनी पड़ी है। कुरैशी ने मंगलवार को ट्वीट में कहा है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मामला भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं हो सकता है। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं साफ करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय विवाद माना गया है। संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमतसंग्रह के जरिए ही इस विवाद का अंतिम समाधान हो सकता है। जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी विषय भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं हो सकता है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine