रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों को शुक्रवार से बड़ी राहत मिलनी शुरू हो गई। 90 प्रतिशत तक सस्ती (जेनेरिक) दवाएं मुहैया कराने के लिए निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का शुभारंभ किया। जयपुर की एजेंसी को मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने का काम दिया गया है। इससे अब मरीजों को इलाज कराने में सहूलियत होगा।
एम्स में 26 सितंबर 2022 से अमृत फॉर्मेसी से दवाएं मिलनी शुरू हुई थीं। इस फर्मेसी में पेटेंट व महंगी दवाएं होने के कारण मरीजों को ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ रहे थे। दवाओं का संकट होने के कारण निजी मेडिकल स्टोरों का सहारा लेना पड़ रहा था। एम्स प्रशासन ने मरीजों को 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल के भूतल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित कराया है।
शुक्रवार को जन औषधि केंद्र में दवाएं मिलनी शुरू हो गईं। इससे गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां आसानी से मिल सकेंगी। उद्घाटन समारोह में डीन प्रो. नीरज कुमारी, उप निदेशक प्रशासन सरोज कुमार सिंह, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुयश सिंह एवं विभिन्न विभागों के अध्यक्ष और अन्य लोग उपस्थित रहे।
उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र शुरू करा दिया गया है। यहां मरीजों को 50 से 90 प्रतिशत तक जेनेरिक दवाएं मिलेंगी। एजेंसी को शासन से तय सभी दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।एम्स में तीन गुना तक सस्ती व जेनेरिक दवाएं मिलने के बाद परिसर के बाहर संचालित 50 से अधिक निजी मेडिकल स्टोर संचालकों को जोरों का झटका लगेगा। फॉर्मेसी खुलने के बाद से ही इन्हें नुकसान हो रहा था लेकिन प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के खुलने के बाद अब इनको और नुकसान हो सकता है। अब तक ये संचालक रोजाना मोटी रकम कमा रहे थे।