पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को दिया नया लक्ष्य, 1998 का ज़िक्र कर एक चेतावनी भी दी

इस साल नौ राज्यों में होने वाले चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) से पहले भाजपा अपनी पहुंच बढ़ाने की रणनीति तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को पार्टी सदस्यों से कहा कि वे बगैर किसी चुनावी लाभ की लालसा के हाशिए पर पड़े लोगों तक जाएं। अल्पसंख्यक समुदायों (Minority Communities) सहित समाज के हर तबके तक अपनी पहुंच बनाएं।

बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (BJP national executive) को संबोधित करते हुए मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बदले में वोट की उम्मीद किए बिना पसमांदा, बोहरा, मुस्लिम पेशेवरों और शिक्षित मुसलमानों तक पहुंचें। सूत्र के मुताबिक, “यह आह्वान मुख्य रूप से इन समुदायों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए था।”

हैदराबाद में भी मोदी ने किया था आग्रह

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पिछली बैठक जुलाई 2022 में हैदराबाद (Hyderabad) में हुई थी। उस बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी ने इसी लाइन पर भाषण दिया था। तब उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया था कि वह पसमांदा मुसलमानों जैसे अल्पसंख्यकों तक पहुंचें और केरल में ईसाई समुदाय के साथ काम करने के तरीके खोजें। बीजेपी ने तब उत्तर प्रदेश और बिहार में पसमांदा मुसलमानों के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र की योजनाएं उन तक पहुंचें।

मोदी के संबोधन के बारे में मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Deputy Chief Minister) ने कहा: “प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें समाज के सभी वर्गों तक संवेदनशीलता से पहुंचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा करते वक्त हमें सिर्फ वोट के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। हमें समाज के सभी वर्गों के लिए काम करते रहने की जरूरत है।”

पसमांदा मुसलमानों के लिए पार्टी के आउटरीच कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर, फडणवीस ने कहा: “प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी विकास यात्रा तब तक पूरी नहीं होगी जब तक हाशिए पर रहने वालों को मुख्यधारा में नहीं लाया जाएगा। उन्होंने समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने की बात कही और कहा कि चुनाव के लिए केवल 400 दिन बचे हैं, इसलिए हमें इस समय का उपयोग हाशिये के वर्गों के लिए काम करने के लिए करना चाहिए।”

मोदी ने कार्यकर्ताओं को किया आगाह

फडणवीस ने कहा कि मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा कि भाजपा अब केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन भी है, जो सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को बदलने के लिए काम कर रहा है।

यह भी पढ़ें: यूपी में दिखा BJP का जोश, चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर

सूत्रों ने कहा कि मोदी ने “अति-आत्मविश्वास” की किसी भी भावना के खिलाफ पार्टी को आगाह किया है। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार अलोकप्रिय होने के बावजूद 1998 में मध्य प्रदेश का चुनाव जीत गयी थी और भाजपा हार गयी थी। तब मोदी राज्य में भाजपा के संगठनात्मक मामलों के मास्टर माइंड हुआ करते थे।

फडणवीस ने कहा, “प्रधानमंत्री का भाषण प्रेरणादायक था। इसने हमारा मार्गदर्शन किया और हमें एक नया रोडमैप भी दिखाया। उन्होंने हमें देश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपने जीवन के हर पल को समर्पित करने के लिए कहा। अमृत काल को कर्तव्य काल में बदलकर ही देश को आगे बढ़ाया जा सकता है।”

मोदी ने पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा भी उठाया और पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘बेटी बचाओ’ अभियान की तर्ज पर ‘धरती बचाओ’ अभियान चलाने का निर्देश दिया।