प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अवसंरचना परिदृश्य से जुड़े एक ऐतिहासिक आयोजन के तहत बुधवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘पीएम गतिशक्ति – मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का शुभारंभ किया। सभी विभाग अब केंद्रीयकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं पर नजर रख सकेंगे।

पीएम मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर किया उद्घाटन
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रगति मैदान में नए प्रदर्शनी परिसर में हॉल संख्या 2 से 5 का भी रिमोट का बटन दबाकर उद्घाटन किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने यहां हाल संख्या पांच में फोटो प्रदर्शनी का दौरा किया और प्रगति मैदान के पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। भारत व्यापार संवर्धन संगठन का प्रमुख कार्यक्रम, भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2021 भी इन नए प्रदर्शनी हॉल में 14-27 नवंबर के दौरान आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि व्यापार मंत्रियों की जी20 बैठक में उन्होंने पीएम गतिशक्ति अवसंरचना योजना की झलकियां साझा कीं थीं। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के मंत्री भी इस योजना से चकित थे कि कैसे पूरे बुनियादी ढांचे की योजना को एक मंच पर लागू किया जा रहा है। गोयल ने कहा कि जी20 भारत में पहली बार 2023 में अपना विश्व सम्मेलन आयोजित करेगा। यह सम्मेलन प्रगति मैदान के नए परिसर में ही होगा।
इस अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पोत परिवहन (शिपिंग) मंत्री सर्बानंद सोनेवाल, विद्युत मंत्री आर के सिंह, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, भारत में अवसंरचना या बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में पिछले कई दशकों से अनगिनत समस्याएं आड़े आती रही थीं। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय का घोर अभाव देखा जाता था। उदाहरण के लिए, एक बार कोई सड़क बन जाने के बाद अन्य एजेंसियां भूमिगत केबल, गैस पाइपलाइन, इत्यादि बिछाने जैसी गतिविधियों के लिए निर्मित सड़क को फिर से खोद देती थीं। इससे न केवल लोगों को भारी असुविधा होती थी, बल्कि यह एक फिजूलखर्ची भी होती थी।
यह भी पढ़ें: पूछताछ में पाकिस्तानी आतंकी ने किये बड़े खुलासे, कई पुराने राज का हुआ पर्दाफाश
इस समस्या के समाधान के लिए आपस में समन्वय बढ़ाने के ठोस प्रयास किए गए ताकि सभी केबल, पाइपलाइन, इत्यादि एक साथ बिछाई जा सकें। अनुमोदन प्रक्रिया में काफी समय लगने, तरह-तरह की नियामक मंजूरियां लेने, इत्यादि समस्याओं के समाधान के लिए भी अनेक ठोस कदम उठाए गए हैं। पिछले सात वर्षों में सरकार ने समग्र दृष्टिकोण के जरिये बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना पर अभूतपूर्व ध्यान देना सुनिश्चित किया है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine