कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या एक बार फिर तीसरी लहर की ओर इशारा करने लगी है। कई राज्यों में स्थिति बेहद खतरनाक होती जा रही है। यही कारण है कि सरकार ने एक बार फिर आम लोगों को नसीहत देते हुए कहा है कि कोरोना की बढ़ते मामलों को देखते हुए सामूहिक समारोह में जाने से बचना चाहिए और अगर बहुत जरूरी है तो इस तरह के समारोह में उन्हीं को भाग लेना चाहिए जो वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं। सरकार ने कहा कि त्योहारों को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना बेहद जरूरी है।
एक संवाददाता सम्मेलन में सरकार की ओर से चेतावनी देते हुए कहा गया है कि देश में भले ही कोरोना संक्रमण के मामले कम दिखाई दे रहे हों लेकिन भारत में कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। सरकार की ओर से बताया गया है कि साप्ताहिक पाजिटिविटी रेट में समग्र रूप से गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन हालात बहुत बेहतर दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में 39 जिलों में 31 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में साप्ताहिक कोरोना संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा रही जबकि 38 जिलों में यह दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच रही।
उन्होंने बताया कि देश में 16 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है जबकि 54 प्रतिशत लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। भूषण ने कहा, सिक्किम, दादरा और नगर हवेली तथा हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत व्यस्क आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बीच आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि सामूहिक समारोहों में जाने से बचना चाहिए और यदि किसी सभा में शामिल होना जरूरी है तो पूर्ण टीकाकरण एक पूर्व शर्त होनी चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, लोगों को घर पर त्योहार मनाने चाहिए, कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन और टीकाकरण करवाना चाहिए। सरकार ने कहा कि देश में सार्स-सीओवी-2 के डेल्टा प्लस स्वरूप के करीब 300 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। सरकार की ओर से चेतावनी देते हुए कहा गया है कि कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। केरल, महाराष्ट्र, तमलिनाडु और आंध्र प्रदेश के 42 जिलों में हर दिन 100 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। केरल में 2।30 लाख से अधिक सक्रिय मामले है। केरल की स्थिति बेहत खतरनाक हो चुकी है देश में आने वाले कुल मामलों में से 70 प्रतिशत मामले यहीं से आ रहे हैं।