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योगी सरकार ने लगाई बाल विवाह पर लगाम, यूपी के जनपदों में 1000 बाल विवाह रोके गये, बेटियों के शोषण के खिलाफ रंग लाई मुख्यमंत्री की मुहिम

फोटो साभार गूगल

लखनऊ। योगी सरकार ने यूपी में बाल विवाह पर लगाम कस दी है। बेटियों के शोषण के खिलाफ पहली बार किसी राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। इस बात की पुष्टि बाल विवाह के आंकड़ों में दर्ज हुई कमी कर रहे हैं। ‘मिशन शक्ति’अभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बाल विवाह पर रोक लगाने की बात कही। बेटियों की सुरक्षा को लेकर सजग योगी सरकार की मुहिम रंग लाई है।

महिला कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार यूपी में पिछले तीन सालों में लगभग 1000 बाल विवाह रोके गए हैं। यूपी में इस साल 175 और साल 2019 में 446 बाल विवाह रोके गए हैं।    ‘मिशन शक्ति’ के तहत बाल विवाह मुद्दे पर संस्थाओं द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन यूपी के 75 जनपदों में चलाया जाएगा। पिछले दो वर्षों में बाल विवाह कि रफ्तार पर सरकारी संस्थाओं ने तेजी से लगाम लगाई है। सरकारी संस्थाओं बाल कल्याण समिति, वन स्टॉप सेंटर ने बाल विवाह के मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने के साथ ही बाल विवाह के आंकड़ों में तेजी से गिरावट दर्ज कराने में भी कामयाब हुई हैं।   

तेजी से दर्ज हो रहीं शिकायतों का त्‍वरित निस्तारण

बाल कल्‍याण समिति में अप्रैल 2019 से अक्टूबर 2020 तक 69 बाल विवाह के मामलों की शि‍कायतें दर्ज की गई हैं जिसमें तीन मामलों में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा जबरन बाल विवाह कराने पर अभिभावकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सभी 66 बाल विवाह  को समिति द्वारा रूकवाया गया। जिला बाल संरक्षण ईकाई ने कोरोना काल में बाल विवाह से जुड़ी 17 शिकायतें दर्ज की गई जिसमें 11 बाल विवाह मामलों का त्‍वरित निस्तारण जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा कराया गया। इन 17 बाल विवाह मामलों में से तीन मामलों में बालिग घोषित हुए बाकी तीन बेटियों को स्‍पॉन्‍सरशिप का लाभ दिलाकर उनको शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा गया। बाल कल्‍याण समिति की सदस्‍य संगीता शर्मा ने बताया कि “मिशन शक्ति” के तहत जागरूकता कार्यक्रमों का विस्‍तार सभी जनपदों में तेजी से होगा। “मिशन शक्ति” से यूपी की महिलाओं और बेटियों को मनोबल बढ़ेगा। 

“मिशन शक्‍ति” के सकंल्‍प से सवरेगा बेटियों का भविष्‍य

“मिशन शक्ति” के तहत यूपी के 75 जनपदों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता मुहिम का प्रचार-प्रसार तेजी से सरकारी संस्‍थाओं द्वारा किया जाएगा। बाराबंकी, गोंडा, बस्‍ती, सोनभद्र, सीतापुर, बलरामपुर, चंदौली, महाराजगंज, मिर्जापुर, ललितपुर, मेरठ समेत राजधानी के आस पास के क्षेत्रों में चाइल्‍डलाइन, बाल कल्‍याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा बाल विवाह के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

कोविड में भी नहीं थमा जागरूकता अभियान

महिला बाल कल्‍याण विभाग कि ओर से यूपी में संस्‍थाओं ने कोरोना में भी जागरूकता कार्यक्रमों की रफ्तार नहीं थमने दी। वन स्‍टॉप सेंटर, चाइल्‍डलाइन, महिला शक्‍ति केन्‍द्र और जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा जनपदों में बाल विवाह के विरूद्ध ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 18 साल से पहले लड़की का और 21 साल से पहले लड़के का विवाह कराना बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत यह एक कानून गैर जमानती अपराध है। इसके साथ ही बाल विवाह में सहयोग देने और बाल विवाह कराने वाले दोनों ही  दोषी माने जाएंगे।