छत्तीसगढ़ के सुकमा में शनिवार को जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद लापता सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह के बारे में जानकारी मिल गई है। बताया जा रहा है कि यह सीआरपीएफ जवान नक्सलियों के कब्जे में ही है। इस बात की जानकारी देते हुए नक्सलियों ने सोमवार को बताया है कि जवान राकेश्वर सिंह मनहास सुरक्षित है और उसे जल्द मुक्त कर दिया जाएगा।
मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक को किया फोन
सूत्रों के अनुसार नक्सली कमाण्डर हिडमा ने पुलिस अधीक्षक को फोन करके बताया है कि मुठभेड़ में लापता जवान उसके कब्जे में है। इसके बाद से पुलिस विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
दूसरी ओर अभी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज बीजापुर में हैं जहां उन्होंने पुलिस लाइन में जवानों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उनके साथ हैं। गृहमंत्री अमित शाह अब जगदलपुर में पुलिस अधिकारियों की बैठक में हैं। माना जा रहा है कि इसमें यह मुद्दा उठ सकता है कि नक्सलियों के चंगुल में रहे एक जवान को कैसे छुड़ाया जाए।
नक्सली जम्मू के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह को अपने साथ मुठभेड़ खत्म होने के बाद अपने साथ ले गए थे। जम्मू-कश्मीर के राकेश्वर सिंह मन्हास की पहले शहीद होने की सूचना परिजनों तक पहुंच गयी थी और परिजनों व इलाके में शोक की लहर दौड़ गई थी, लेकिन अब उनके सुरक्षित होने की खबर मिलने की सूचना से परिजनों ने राहत की सांस ली है।
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आपको बता दें कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत शुक्रवार रात को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, डीआरजी और एसटीएफ की टीम को भेजा गया था। नक्सल विरोधी अभियान में करीब 2 हजार जवान शामिल थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक शनिवार दोपहर करीब 12 बजे जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली गोलियोंमें 8 जवान शहीद हो गए वहीं 21 जवानों के लापता होने की खबर है।