अपने फैसले पर मोदी सरकार ने लिया यूटर्न, तो राहुल-प्रियंका ने कर दिया बड़ा हमला…

केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार अपने एक फैसले की वजह से घिरती नजर आ रही है। दरअसल, मोदी सरकार ने गुरूवार को अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी बचत पर ब्याज दर कम करने के अपने फैसले पर यूटर्न ले लिया है। अपने इस यूटर्न की वजह से वह विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण द्वारा लिए गए इस फैसले को हथियार बनाते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

मोदी सरकार पर लगे गंभीर आरोप

सीतारमण ने ट्वीट करके कहा कि भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं। ओवरसाइट की वजह से जारी आदेश वापस ले लिए जाएंगे। इससे पहले एक फैसले में वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत दर में 3.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। जनवरी-मार्च के दौरान छोटी बचत दर सालाना 4 प्रतिशत थी।

सीतारमण के इस ट्वीट पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर बम फोड़ा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी। जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की!

प्रियंका गांधी ने लिखा कि सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। आज सुबह जब सरकारी जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है। सुबह उठते ही सारा दोष ओवरसाइट पर मढ़ दिया।  दरअसल सरकार ने यह आदेश ऐसे समय वापस लिया है। जब पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर की वोटिंग हो रही है।

आपको बता दें कि अपने इस फैसले में आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा था कि 1 साल की समय जमा दरों को 5.5 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत कर दिया गया है और 2-वर्ष, 3-वर्ष, 5-वर्ष की जमा दर में तिमाही आधार पर क्रमश: 5.0 प्रतिशत, 5.1 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत की कटौती की गई है। 5 साल की आवर्ती जमा को पिछले 5.8 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत तक घटा दिया गया था।

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सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई ), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दरों में वार्षिक आधार पर क्रमश: 6.4 प्रतिशत, 6.9 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत की कटौती की गई थी। किसान विकास पत्र पर ब्याज दर को घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया था।