मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुवाई में मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल असम की सीमा पर हुई हिंसा की जांच सीबीआई या एनआईए को सौंपने की मांग को लेकर गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा. प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी मुलाकात कर सकता है.
असम-मेघालय सीमा पर पुलिस द्वारा मंगलवार तड़के अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोकने के बाद हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप और जांच की मांग को लेकर मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा अपने मंत्रियों के साथ दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
सीएम संगमा ने एक दिन पहले कहा था कि मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और घटना की जांच के लिए डीआईजी की अगुवाई में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है. केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाएगी.
वहीं दूसरी तरफ प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी मुलाकात करेगा और आवश्यक कार्रवाई के लिए घटना पर रिपोर्ट सौंपेगा. इसके अलावा असम सरकार की तरफ से भी घटना की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गई है.
गौरतलब है कि असम और मेघालय का सीमा विवाद 50 साल से ज्यादा पुराना है. दोनों राज्य एक दूसरे से लगभग 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. 1970 से पहले मेघालय, असम का ही एक हिस्सा हुआ करता था.
विभाजन के समय से लेकर अब तक सीमा विवाद बना हुआ है. कई इलाकों में दोनों राज्यों के बीच सहमति भी बनी है. इन सब प्रयासों के बावजूद कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. हालांकि असम सरकार का मानना है कि ये घटना सीमा विवाद से नहीं जुड़ी हुई है.