मण्डल के जनपदों मे लीड बैंको के स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर बैठक

मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब ने आज आयुक्त सभागार में मण्डल के सभी जनपदों में लीड बैंको के स्तर पर संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर बैठक करते हुए कहा कि मुख्य विकास अधिकारी अपने स्तर से मण्डल के जनपदों से प्राप्त विभिन्न योजनाओं में प्रेषित/स्वीकृति व वितरित आवेदन ऋण पत्रों में भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंक स्तर पर समस्याओं का तत्काल निस्तारण हर हाल में करायें। उन्होनें कहा कि खादी तथा ग्रामोद्योग, मत्स्य, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सभी छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों में लाभार्थियों को बैंक ऋण में गुणवत्तापूर्ण कार्य मा0 मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरुप कार्य करे।

मण्डलायुक्त ने बैठक में बैंकर्स के विभागीय कर्मियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले स्तर पर बैंकर्स अगर आवेदन ऋण पत्रों का निष्पादन समय से करते हुए रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करें। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के क्रियान्वयन हेतु बैंकर्स ऋण प्रपत्रों में सहजता लाये। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वंय सहायता समूह को सक्रिय बनाने हेतु बैंक शाखा प्रबन्धकों द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्हें निर्देशित किया जाता है कि बैंकर्स अपने व्यवहार को ठीक करते हुए सक्रिय दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि बैंक आफ़ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, आर्यावर्त बैंक आदि सभी बैंको के शाखा प्रबन्धकों द्वारा खाता खोलने में सक्रियता नहीं दिखाई जाती है। यह गम्भीर विषय है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को बैंकर्स गम्भीरता से लें। उन्होनें मण्डलीय संयुक्त आयुक्त को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं में आ रही विभागवार स्कूटनी करा लें तथा बैंकर्स व्यवहारिक रुप अपनाते हुए बैंक लाभार्थियों के साथ पेश आये। मुख्य विकास अधिकारी योजनावार डाटा रीव्यू कर लें तथा जिले स्तर से बैंकर्स अगर रिपोट नहीं कर रहे है तो उनकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजे। उन्होनें मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी ब्लाकों को लगाकर क्रापलोन व क्रेडिट कार्ड बनाने में अभियान चलाकर कार्य करें।

मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत उन्होंने कहा कि कुम्हार जाति के उद्यमियों द्वारा ऋण लिया जाता है, जो काफी गरीब/कम पढें लिखे होने के कारण कोटेशन की व्यवस्था करने में असमर्थ रहते है, जिसके कारण बैंको से स्वीकृति ऋण को वितरण करानें में उनको काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।  यह अफसोस की बात है। मुख्यमंत्री माटी कला को आगे बढ़ानें में बैंकर्स गम्भीरता से कार्य करें।