मायावती बोलीं- बजट में कुछ नहीं, मजदूर-किसानों अपने अमृतकाल को तरस रहे

उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार के बजट को गरीबों को कुछ अमीर लोगों को बताया है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने का बाद मायावती ने ट्वीट कर अपनी राय दी है।

मायावती ने ट्वीट कर लिखा, “देश में पहले की तरह पिछले 9 सालों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे। जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही। वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, बेरोजगारी की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया।”

मायावती ने आगे कहा कि इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियां सरकार नहीं बताती है और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है। जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे दाव पर लगा है, जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?

सरकार की नीतियां गरीबों के खिलाफ

मायावती ने आगे कहा कि सरकार की संकीर्ण नीतियों और गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव गांव में रहने वाले करोड़ों गरीबों किसानों और मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है, जो असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो।

मायावती ने कहा है कि केंद्र जब भी योजना लाभार्थियों के आंकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का देश है, जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर।

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मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण आज, 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश कर रही हैं। सुबह 11 बजे सदन में उनका भाषण शुरू हुआ है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है।