दुनियाभर में अपने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के मामले में सरकारों और नियामकों की आलोचना झेल रही दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक इंक ने अपना नाम बदलकर मेटा कर लिया है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने इसका ऐलान किया है।
मार्क जुकरबर्ग ने वर्चुअली आयोजित फेसबुक के कनेक्ट सम्मेलन में फेसबुक का नया नाम ‘मेटा’ यानी ‘मेटावर्स’ करने का ऐलान किया। जुकरबर्ग ने बताया कि भविष्य के लिए डिजिटल रूप से हो रहे बदलाव को शामिल करने के प्रयास के तहत उनकी कंपनी को अब नए नाम ‘मेटा’ के तौर पर जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि फेसबुक के सभी ऐप्स और तकनीकी अब इस नए ब्रांड के तहत साथ आएंगे। हालांकि, जुकरबर्ग ने स्पष्ट किया कि इससे कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया कंपनी के रूप में जाने जाते हैं।
फेसबुक सीईओ ने कहा, ‘हमारा डीएनए उस कंपनी का है, जो लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है। मेटावर्स, सोशल नेटवर्किंग की तरह ही अगला फ्रंटियर है। अब से हम मेटावर्स-फर्स्ट होने जा रहे हैं, फेसबुक-फर्स्ट नहीं।’ फेसबुक इंक का स्टॉक एक दिसंबर से एक नए टिकर, एमवीआरएस के तहत कारोबार शुरू करेगा। जुकरबर्ग ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले दशक में मेटावर्स एक अरब लोगों तक पहुंच जाएगा, सैकड़ों अरब डॉलर के डिजिटल कॉमर्स की मेजबानी करेगा और लाखों क्रिएटर्स एवं डेवलपर्स के लिए नौकरियों का सपोर्ट देगा।
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उल्लेखनीय है कि मार्क जुकरबर्ग ने करीब 17 वर्ष पूर्व साल 2004 में फेसबुक की शुरुआत की थी। जुकरबर्ग का मानना है कि अब फेसबुक का भविष्य मेटावर्स में है। मेटावर्स के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका बदल जाएगा और कंप्यूटर के सामने बैठने की बजाय एक हेडसेट के जरिए आभासी दुनिया में घुस सकेंगे। यह बहुत हद तक वीआर की तरह है, जिसका इस्तेमाल अभी गेमिंग में होता है। हालांकि, वर्चुअल वर्ड का इस्तेमाल काम, खेल, कंसर्ट्स, सिनेमा ट्रिप्स या महज हैंग आउट के लिए भी किया जा सकता है।