हत्या व डकैती के मामले में एक ही परिवार के 9 लोगों समेत 14 को आजीवन कारावास

बदायूं । उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले की एक अदालत ने आपसी रंजिश के चलते हुई डकैती और हत्या के करीब 17 साल पुराने मामले में एक ही परिवार के नौ लोगों समेत कुल 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) राजेश बाबू शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि 25 जुलाई को विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने मामले में 14 आरोपियों को दोषी करार दिया था। ये सभी जमानत पर थे। बृहस्पतिवार की देर शाम को इन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।उन्होंने बताया कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में सभी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

राजेश बाबू शर्मा ने बताया कि थाना जरीफनगर क्षेत्र के गांव खरखोल में 2007 में राधेश्याम नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी।उन्होंने बताया कि पान सिंह नामक व्यक्ति के पिता हरपाल सिंह ने रिपोर्ट लिखाई थी कि राधेश्याम की हत्या के आठ दिन बाद ही 15 फरवरी 2007 की सुबह आठ बजे राधेश्याम के परिजनों ने फरसे, लाठियों और अन्य असलहे के साथ उनके घर पर हमला बोल दिया। रिपोर्ट के अनुसार, सभी ने फायरिंग करते हुए घर में रखा जेवर, कपड़ा आदि सामान लूट लिया और पान सिंह को पीटते हुए घर से खींच ले गए और कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया।

शर्मा ने बताया कि हत्या व डकैती की धाराओं में दर्ज रिपोर्ट में हरपाल की ओर से 12 लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस को जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल करते समय चार नाम और पता चले और कुल 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान नामजद अभियुक्तों में से दो की मौत हो गयी।

एडीजीसी ने बताया कि उम्रकैद की सजा पाने वालों में राधेश्याम के सगे भाई उरमान व धर्म सिंह, चाचा भरोसे, चचेरा भाई अतर सिंह तथा परिवार से जुड़े राम सिंह, नरेश, भगवान सिंह, विनीत, प्रेम सिंह शामिल हैं।इनके साथ रहे मझोला के वीरपाल, वंशीपुर गांव के बलवीर, गोबरा निवासी टीटू, संभल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र के गांव कैलमुंडी निवासी धर्मवीर व एक अन्य श्रीपाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। मुकदमे के दौरान आरोपी साधु सिंह और रामऔतार की मौत हो चुकी है।