कांग्रेस को मई के महीने में सबसे ज्यादा झटके लगे हैं। आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी कांग्रेस को अलविदा कहा है। उन्होंने 16 मई को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और फिर साइकिल में सवार होकर राज्यसभा जाने की तैयारी कर ली है। आपको बता दें कि कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है।
इसी बीच कपिल सिब्बल ने कांग्रेस से जुदाई की अपनी दास्तां सुनाई। उन्होंने कहा कि किसी के साथ 30-31 साल संबंध रहे हों, उनसे संबंध छोड़ना आसान काम नहीं होता। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कपिल सिब्बल ने बताया कि जब तक मैं कांग्रेस में था तो मैं इधर-उधर की टिप्पणियां कर सकता था। अब मैं कांग्रेस में नहीं हूं, मैंने इस्तीफा दे दिया है तो मैं कांग्रेस के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। किसी के साथ 30-31 साल संबंध रहे हों, उनसे संबंध छोड़ना आसान काम नहीं होता।
कांग्रेस पर उठाए थे सवाल
कपिल सिब्बल ने कांग्रेस की कार्यपद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि घर की कांग्रेस की बजाय सब की कांग्रेस हो। दरअसल पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कपिल सिब्बल ने निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि इस बार के परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया। हम 2014 से नीचे की ओर जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जहां हम सफल हुए वहां भी हम अपने झुंड को एक साथ नहीं रख पाए।
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कपिल सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है…जिनमें नेतृत्व का भरोसा था…2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। इन चुनावों में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। यह ध्यान रखना वाकई दिलचस्प है कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद और विधायक के साथ-साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। किसी अन्य राजनीतिक दल ने इस तरह का पलायन नहीं देखा है।