चीन से तनाव के बीच बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट पर मालाबार नौसेना का अभ्यास शुरू हो गया है। इसमें पहली बार भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हो रहे हैं।
नई दिल्ली। समुद्र में भी भारत की ताकत बढ़ती जा रही है। चीन इससे घबड़ाया हुआ है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर कायम गतिरोध के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिकों के बीच मालाबार अभ्यास का पहला चरण मंगलवार से बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम से शुरू हो रहा है।
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यह अभ्यास चार देशों के रणनीतिक हितों के बढ़ते संबंध को दर्शाता है। भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच पहले चरण का मालाबार अभ्यास आज से शुरू हो रहा है जो शुक्रवार को समाप्त होगा। इन चार देशों के इस नौसेना अभ्यास का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर के बीच अरब सागर में होगा।
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पिछले हफ्ते, भारत ने यह घोषणा की थी कि आस्ट्रेलिया इस नौसेना अभ्यास का हिस्सा होगा, जिसके साथ ही अब यह प्रभावी तरीके से ‘क्वॉड’ या ‘चतुष्कोणीय गठबंधन (क्वाड्रीलैटरल कोलेशन) के सभी चार सदस्य देशों का अभ्यास हो गया है। चीन, मालाबार अभ्यास को लेकर सशंकित है क्योंकि उसे लगता है कि यह वार्षिक युद्ध अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव कायम रखने की इन देशों की कोशिश है।
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जानें खास बातें
मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। बाद में, 2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बन गया। यह वार्षिक नौसेना अभ्यास 2019 में जापान के तट पर हुआ था।
इस साल के अभ्यास में भारतीय नौसेना अपने विध्वंसक पोत रणविजय, युद्ध पोत शिवालिक, समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या, जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को शामिल करेगी।