कोरोना वायरस को मात देने के लिए भारत ने अपनी जंग का आगाज तो कर दिया है, लेकिन अब भी बहुत से लोगों के मन में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अलग ही उदेड़बुन चल रही है। तो अगर आप इस डर से कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगाने की सोच रहे क्योंकि इसके किसी गंभीर रिएक्शन होने पर भारी भरकम हॉस्पिटल बिल भरना पड़ सकता है तो आपको फिर से अपने इस फैसले पर सोचना चाहिए। आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में वैक्सीन रिएक्शन की वजह से लगने वाला खर्च भी कवर होगा।

आ रही खबरों के मुताबिक रेगुलर पॉलिसी शर्तों के साथ इंश्योरेंस कम्पनियां वैक्सीन की वजह से हॉस्पिटल पर होने वाले खर्च को भी कवर करेंगी।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि नई वैक्सीन का रिएक्शन देखने को मिल सकता है। अगर कोविड-19 वैक्सीन लेने के बाद किसी पॉलिसीहोल्डर को असहजता होती है या उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है तो यह हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर होगा। इंश्योरेंस नियामक IRDAI इस बारे में सर्कुलर जारी कर सकता है।
हाल ही में इंश्योरेंस कंपनियों ने जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के जरिए IRDAI को इस बारे में स्पष्ट जानकारी दे दी है। सभी इंश्योरेंस कंपनियां इस इंडस्ट्री बॉडी की सदस्य हैं। हालांकि, इसमें वैक्सीन लगाने का खर्च शामिल नहीं होगा। साथ ही सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के तहत लाभ लेने के लिए पॉलिसीहोल्डर को इलाज के लिए कम से कम 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहना होगा।
कई हेल्थकेयर वर्कर्स ने नॉन-लाइफ इंश्योरेंर्स से इस बारे में स्पष्टीकरण के लिए संपर्क किया था। वे जानना चाहते थे कि क्या वैक्सीन के गंभीर रिएक्शन पर यह उनके पॉलिसी के तहत कवर होगा या नहीं। अभी तक 15।8 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है। 1,238 लोगों ने इसके रिएक्शन की जानकारी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इनमें से भी 11 लोगों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है। अभी तक 6 ऐसे हेल्थवर्कर्स की मौत हो चुकी है, जिन्हें वैक्सीन लगाया जा चुका है। हालांकि, सरकार ने जानकारी दी है कि ये मौत वैक्सीन से नहीं जुड़ी हैं।
इंश्योरेंस कंपनियों का कहना है कि वैक्सीन के रिएक्शन को लेकर कई तरह की जानकारी मांगी गई थी। बीमा नियामक को इस बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। एक सरकारी बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह कहना गलत होगा कि हम इस तरह के क्लेम को नहीं कवर करेंगे। किसी भी हेल्थ पॉलिसी के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति को इसके दायरे से बाहर नहीं रखा जाएगा।’
कैसे फाइल कर सकते हैं क्लेम?
इसके लिए भी क्लेम फाइल करने की प्रक्रिया हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम्स प्रोसेस की तरह ही होगी। अगर किसी भी पॉलिसीहोल्डर को वैक्सीन लगाने और उसके रिएक्शन के बाद अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आती है तो उन्हें इंश्योरेंस कंपनी को इस बारे में जानकारी देनी होगी।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर निर्भर करेगा कि उस व्यक्ति को कैशलेस कवर मिलेगा या प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा। क्लेम की रकम पॉलिसी साइज, रूम रेंट और डॉक्टर की फीस समेत अन्च तरह के चार्जेज पर निर्भर करेगी।
यह भी पढ़ें: Whatsapp के बाद अब Google ने लागू किये नए नियम-कायदे, यूजर्स को दी चेतवानी
यह भी ध्यान देने योग्य है कि कोरोना वैक्सीन लगाने और इसकी वजह से किसी गंभीर समस्या होने पर ही अस्पताल में भर्ती होने की हालत में क्लेम किया जा सकता है। मामूली बुखार, बदन दर्द के लिए लोकल डॉक्टर्स से कराये गए इलाज या दवा के लिए यह क्लेम नहीं किया जा सकता है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine