अच्छी खबर: सभी जिलों में निर्यात विकास केन्द्र के गठन की कार्यवाही शुरू

-केन्द्रों पर शिल्पियों एवं कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ-साथ ई-मार्केट प्लेस पर उत्पादों के विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी, प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ई-कामर्स कंपनी ई-वे तथा अमेजन से एमओयू किया जा चुका है: डॉ. नवनीत सहगल

फोटो-साभार गूगल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप विकसित किये जाने हेतु सभी जिलों में निर्यात विकास केन्द्रों के गठन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके तहत प्रत्येक जिले के जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र में निर्यात विकास केन्द्र की स्थापना कराई जा रही है इन केन्द्रों के माध्यम से स्थानीय शिल्पियों एवं कारीगरों को प्रशिक्षण, ई-मार्केट प्लेस पर ऑनबोर्डिंग आर्टीजन्स के उत्पादों के विक्रय हेतु इमेजिंग, कैटलागिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिए सभी केन्द्रों पर हाई स्पीड इंटरनेट सेवा, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर, काफ्रेंस आदि की व्यवस्था होगी। प्रदेश के सभी उपायुक्त उद्योग को अवसंरचनात्मक सुविधाओं संबंधी प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गये हैं।

डॉ. नवनीत सहगल

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रत्येक जिले को एक्सपोर्ट हब बनाने के विजन को मूर्तरूप प्रदान करने की दिशा में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति (डीईपीसी) के गठन के साथ जिला निर्यात योजना की रूपरेखा तैयार कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिलों में स्थापित निर्यात विकास केन्द्र वैश्विक एवं स्थानीय ई-मार्केट प्लेस कंपनियों, विदेश व्यापार, इण्डिया पोस्ट विभाग के सहयोग से कार्य करेंगे।

डा. सहगल ने बताया कि निर्यात विकास केन्द्रों के माध्यम से व्यवसायियों, कारीगरों तथा स्वयं सहायता समूहों से सम्पर्क कर उन्हें ई-कामर्स सुविधाओं के प्रति संवेदनशील बनाने एवं उत्पादक संगठन के रूप में संगठित किये जाने हेतु सहायता प्रदान की जायेगी। उत्पादकों के उत्पादों को ई-मार्केट प्लेस पर आॅनबोर्डिंग तथा लेन-देन की सुविधा हेतु घरेलू एवं वैश्विक कंपनियों के मध्य समन्वय बनाया जायेगा। इसके साथ ही केन्द्र उत्पादकों को निर्यात हेतु आवश्यक डाक्यूमेंट तैयार कराने में मदद करेंगे।

डा. सहगल ने बताया कि केन्द्रों के परिचालन हेतु नालेज पार्टनर के रूप में विशेषज्ञ संस्था फेडरेशन आफ इण्डियन एक्सपोर्ट आर्गनाईजेशन (फियो) से सहयोग प्राप्त किया जायेगा। फियो द्वारा प्रत्येक जिला विकास केन्द्र पर कर्मचारी नियुक्त किये जायेंगे, जिनके माध्यम से केन्द्रों का संचालन होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ई-कामर्स कंपनी ई-वे तथा अमेजन से एमओयू किया जा चुका है।